Afzal Ansari: अफजाल अंसारी की याचिका पर 10 अक्टूबर को होगी सुनवाई, गैंगस्टर मामले में लगाई गुहार
गाजीपुर की एमपी-एमएल कोर्ट ने अफजाल अंसारी को गैंगस्टर एक्ट में दोषी मानते हुए चार वर्ष की सजा सुना दी, जिसको इलाहाबाद हाईकोर्ट ने भी बरकरार रखा. अब अंसारी के वकील इसको चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे हैं.
UP News: माफिया मुख्तार अंसारी का भाई और गाजीपुर से पूर्व सांसद अफजाल अंसारी की याचिका पर अब 10 अक्टूबर को सुनवाई होगी. अफजाल ने अपनी गुहार में अदालत से दोषसिद्धि निलंबित करने की गुहार लगाई है. शीर्ष अदालत ने इससे पहले यूपी सरकार से याचिका पर जवाब दाखिल करने के लिए कहा था. बता दें कि जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता की बेंच के सामने अफजाल के वकील जुबैर अहमद ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती दी है.
एमपी-एमएलए कोर्ट ने किया दोषसिद्धि करार
बता दें कि गाजीपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट से दोषसिद्धि के बाद चार साल की सजा सुनाई गई थी. वहीं, निचली अदालत के द्वारा गैंगस्टर एक्ट में फैसला सुनाने के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई थी. लेकिन अदालत ने इसे बरकरार रखा. अब अंसारी के वकील ने हाईकोर्ट के फैसले को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है. वहीं, गाजीपुर कोर्ट से चार वर्ष की सजा सुनाने के बाद अफजाल लोकसभा की सदस्यता के भी अयोग्य हो गए हैं. जब तक दोषसिद्धि पर रोक नहीं लगती है तब तक उनकी सदस्यता भी बहाल नहीं हो पाएगी.
इसी साल मिली चार साल की सजा
इसी साल 29 अप्रैल को एमपी-एमएलए कोर्ट ने दोषी पाते हुए चार वर्ष की सजा सुनाने के साथ 1 लाख रुपये जुर्माना भी लगाया था. वहीं, 24 जुलाई को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उसकी जमानत याचिका मंजूर कर ली थी. लेकिन सजा पर रोक नहीं लगाई गई. जिसके चलते उसकी सांसदी बहाल नहीं हो पाई. माफिया मुख्तार अंसारी और अफजाल अंसारी के ऊपर गैंगस्टर एक्ट का मामला 2007 का है. विधायक कृष्णानंद की हत्या के बाद ही मामला दर्ज किया गया था. लेकिन इस मामले में कोर्ट ने दोनों को बरी कर दिया, जबकि गैंगस्टर का मामला आज तक चलता आ रहा है.