इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मुस्लिम लड़के के साथ रहने वाली हिंदू लड़की की याचिका की खारिज, कोर्ट ने कहा- इस्लाम में ये हराम...!
Allahabad High Court : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने लिव इन में रह रहे अंतर धार्मिक जोड़ों की सुरक्षा की मांग करने वाली याचिका को खारिज कर दिया है।
हाइलाइट
- युवती ने याचिका दायर कर की थी सुरक्षा की मांग
- कोर्ट ने कहा इस्लाम में बिना शादी किए संबंध बनाना हराम है।
Allahabad High Court : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने हिंदू लड़की द्वारा दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है। दरअसल, लड़की ने याचिका दायर कर कहा था कि उसके घर वाले उनके रिश्ते से खुश नहीं है। उसकी मां के कहने पर पुलिस उन्हें परेशान कर रही है। इसीलिए उन्हें सुरक्षा की आवश्यता है। अंतर धार्मिक लिव इन जोड़ों की याचिका पर हाई कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा कि इस्लाम धर्म में विवाह से पहले किसी भी प्रकार का यौन, वासनापूर्ण, स्नेहपूर्ण कृत्य जैसे चुंबन स्पर्श, आदि की वर्जित है। इन सब कृत्यों को इस्लाम में हराम बताया गया है।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा कि इस्लाम धर्म के पवित्र ग्रंथ कुरान में अविवाहित पुरुष और महिला अगर शारीरिक संबंध या व्यभिचार करते हैं तो 100 कोड़े की सजा का प्रावधान है। इतना ही नहीं सुन्नत के अनुसार पत्थर मारकर हत्या करने की सजा देने की भी बात कही गई है। यही टिप्पणी करते हुए हाई कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया है।
29 वर्षीय युवती की मां उसके लिव-इन रिलेशन से खुश नहीं है। मां की शिकायत पर पुलिस ने FIR दर्ज कर ली है। इसके बाद युवती ने हाई कोर्ट मे याचिका दायर करके सुरक्षा की मांग की थी। लेकिन कोर्ट ने यह टिप्पणी करते हुए कि मुस्लिम कानून में विवाहेत्तर यौन संबंध को कोई मान्यता नहीं दी जा सकती, याचिका खारिज कर दी।
युवती के परिवार वाले नहीं चाहते कि उनकी बेटी किसी मुस्लिम लड़के से संबंध बनाए। इसी को रोकने के लिए युवती की मां और उसके परिवार वालों ने पुलिस में शिकायत की थी। प्रेमी जोड़ों का कहना है कि पुलिस उन्हें परेशान कर रही है। फिलहाल हाई कोर्ट में प्रेमी जोड़ों की तरफ से दायर याचिका खारिज हो चुकी है। कोर्ट ने यह भी कहा है कि अगर आपको खतरा है तो आप FIR दर्ज करा सकते हैं या फिर सक्षम न्यायालय के समक्ष 156 (3) CRPC के तहत शिकायत भी कर सकते हैं।