Shri Krishna Janmabhoomi: मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि और शाही ईदगाह विवाद मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट आज अपना फैसला सुनाएगा. हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट कमीशन सर्वे की मांग को लेकर दायर याचिका पर 16 नवंबर को सुनवाई पूरी हो चुकी है. सुनवाई करने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. हिंदू पक्षकारों ने तीन वकीलों को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त करने और मथुरा के शाही ईदगाह परिसर का सर्वेक्षण कराने की मांग की है.
आपको बता दें कि इस मामले में याचिकाकर्ता के वकील विष्णु शंकर जैन का कहना है कि काशी विश्वनाथ मंदिर के ज्ञानवापी परिसर की तर्ज पर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मस्थान पर बनी शाही ईदगाह का भी वैज्ञानिक तरीके से एएसआई द्वारा सर्वेक्षण कराया जाना चाहिए. वहीं, मस्जिद इंतजामिया कमेटी ने इस पर आपत्ति जताते हुए विरोध किया है.
जल्द से जल्द सर्वे कराने की मांग
याचिकाकर्ता के वकील हरि शंकर जैन के मुताबिक, कोर्ट से इस संबंध में जल्द सर्वे कराने का अनुरोध किया गया है. आशंका है कि परिसर में मौजूद पुराने मंदिर के निशान और सबूत मिटाने की कोशिश की जा रही है. उसे रोकने और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी करने का आदेश देने का भी अनुरोध किया गया है ताकि ऐतिहासिक साक्ष्य नष्ट न हों.
दखल देने से सुप्रीम कोर्ट का इनकार
16 नवंबर को हाई कोर्ट के जस्टिस मयंक कुमार जैन की बेंच ने सभी पक्षों को विस्तार से सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. इस संबंध में मथुरा की विभिन्न अदालतों में विभिन्न स्तरों पर 18 मुकदमे लंबित हैं. यह अर्जी भगवान श्री कृष्ण विराजमान और भगवान बाल कृष्ण विराजमान गर्भगृह की ओर से दायर की गई है. मथुरा के जिला जज के पत्र से मिली जानकारी के आधार पर हाईकोर्ट ने सभी मामलों की एक साथ सुनवाई करने पर सहमति जताई थी.
हिंदू पक्ष ने की दलीले
याचिका में दावा किया गया है कि यह एक हिंदू मंदिर पर बनाया गया है. केस नंबर एक भगवान श्रीकृष्ण विराजमान बनाम यूपी सुन्नी सेंट्रल बोर्ड है. वादी पक्ष की ओर से 'विवादित' क्षेत्र के सर्वेक्षण के लिए एडवोकेट कमिश्नर की नियुक्ति के लिए याचिका दायर की गई है.
First Updated : Tuesday, 21 November 2023