Gyanvapi Case: ज्ञानवापी सर्वे की रिपोर्ट आज दाखिल करेगा एएसआई, कई मॉडर्न मशीनों से की गई जांच
Gyanvapi Survay Report: एएसआई ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र जमा करके बताया था कि भारतीय पुरातत्व विभाग के सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती की ब्लड प्रेशर बढ़ने से तबीयत बिगड़ थी. जिसके कारण विभाग रिपोर्ट समय पर जमा नहीं कर पाया.
हाइलाइट
- ज्ञानवापी सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में होगी पेश.
- वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर एएसआई ने किया सर्वे.
Gyanvapi Survay Report: ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में हुए सर्वे की रिपोर्ट आर्कियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) सोमवार यानी आज जिला में दाखिल करने जा रहा है. जिला जज डा. अजय कृष्ण विश्वेश ने एएसआई को 18 दिसंबर तक को सर्वे रिपोर्ट जमा करने के आदेश दिया था. एएसआई को बीती तारीख 11 दिसंबर को इस रिपोर्ट को जिला जज के सामने पेश करनी थी. लेकिन किन्हीं समस्या के कारण सर्वे रिपोर्ट देरी से जमा होगी.
ASI सुपरिटेंडिंग की हुई थी तबीयत खराब
एएसआई ने अदालत में एक प्रार्थना पत्र जमा करके बताया था कि भारतीय पुरातत्व विभाग के सुपरिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट अविनाश मोहंती की ब्लड प्रेशर बढ़ने से तबीयत बिगड़ थी. जिसके कारण विभाग रिपोर्ट समय पर जमा नहीं कर पाया. ऐसी परिस्थिति में सर्वे रिपोर्ट को जमा करने के लिए एक सप्ताह का वक्त मांगा गया था. जिसके बाद जिला अदालत ने 18 दिसंबर को रिपोर्ट पेश करने के आदेश दिए थे. बता दें कि ज्ञानवापी परिसर सर्वे कराने के लिए एएसआई, भाषा विशेषज्ञों, फोटोग्राफर, रसायनशास्त्री, सर्वेयर समेत तकनीकी विशेषज्ञों की टीम पहुंची थी.
मॉडर्न मशीनों से किया गया सर्वे
मस्जिद परिसर, दीवारें, मीनार और तहखानों की जीपीएस और जीपीआर समेत अत्याधुनिक मशीनों के जरिए साक्ष्यों की जांच की गई है. चार अगस्त से लेकर दो नंवबर तक चले सर्वे में वजूखाना (जहां शिवलिंग मिला) उस जगह छोड़कर बाकी पूरे परिसर में वैज्ञानिक पद्धति के आधार पर सर्वे किया गया है.
सील क्षेत्र को छोड़ पूरे परिसर का हुआ सर्वे
16 मई को मंदिर पक्ष की ओर से जिला अदालत में प्रार्थना पत्र दाखिल किया गया था, लेकिन इसे स्वीकार 21 जुलाई को जिला न्यायालय ने सुप्रीम कोर्ट के द्वारा लगाया सील क्षेत्र को छोड़कर का सर्वे करके आदेश दिया था. इसके खिलाफ प्रतिवादी अंजुमन इंतेजामिया मसाजिद 24 जुलाई को शीर्ष अदालत गया. एससी ने 2 दिनों तक सर्वे पर रोक लगाने के आदेश दिए और इलाहाबाद हाईकोर्ट जाने के आदेश दिए थे. वहीं, हाईकोर्ट ने 25 जुलाई को अपने आदेश में तीन अगस्त तक सर्वे पर रोक लगा दी थी. इसके बाद उच्च न्यायालय ने तीन अगस्त को सर्वे की मंजूरी दे दी. चार अगस्त को एएसआई ने सर्वे फिर से शुरू कर दिया.