अतीक-अशरफ हत्याकांड पर अब होगा खुलासा, तीनों शूटर्स का लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट कराएगी SIT
गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद हत्या के तीनों आरोपियों का लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट करवाया जाएगा।
हाइलाइट
- अतीक-अशरफ हत्याकांड पर अब होगा खुलासा
- तीनों शूटर्स का लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट कराएगी SIT
गैंगस्टर अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद हत्या के तीनों आरोपियों का लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट करवाया जाएगा। इस मर्डर की जांच के लिए गठित एसआईटी तीनों शूटर्स का लाई डिटेक्टर और नार्को टेस्ट करवाएगी। SIT के कई सवालों का जवाब न मिलने पर ये फैसला लिया है। बता दें कि 15 अप्रैल की रात प्रयागराज के कॉल्विन हॉस्पिटल में कस्टडी में अतीक-अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने मौके से ही शूटर लवलेश तिवारी, सनी सिंह और अरुण मौर्य को गिरफ्तार कर लिया था।
जब शूटरों से पूछताछ की गई तो उन्होंने कबूला था कि वह अपना नाम कमाने के लिए अतीक-अशरफ का मर्डर किया है। हालांकि SIT को तभी तक कई सवालों को जवाब नहीं मिले है। जैसे कि हत्याकांड की साजिश कैसे रची गई? इसमें कितने लोग शामिल थे? जिस वक्त हत्या हुई, उस वक्त और आरोपियों के बैकअप में कौन मौजूद था? ऐसे में माना जा रहा है कि डिटेक्टर टेस्ट और नार्को टेस्ट से बड़े खुलासे होने की संभावना है।
लाई डिटेक्टर टेस्ट क्या है?
पॉलीग्राफ टेस्ट को लाई डिटेक्टर टेस्ट भी कहते हैं। इसका प्रयोग झूठ पकड़ने के लिए किया जाता है। पॉलीग्राफ टेस्ट मशीन को झूठ पकड़ने वाली मशीन और लाई डिटेक्टर के नाम से जाना जाता है।
क्या है नार्को टेस्ट?
नार्को परीक्षण का प्रयोग किसी व्यक्ति से सूचना प्राप्त करने के लिए किया जाता है जो अथवा जो व्यक्ति जानकारी को प्रदान करने में असमर्थ हो या वह बताने के लिए तैयार न हो यानी इसका प्रयोग सच्चाई के लिए किया जाता है। अधिकांश इसका प्रयोग आपराधिक मामलों को लेकर किया जाता है।
कैसे करते है इसका प्रयोग?
इस टेस्ट में व्यक्ति को ट्रुथ सीरम इंजेक्शन के द्वारा दिया जाता है जिससे व्यक्ति स्वाभविक रूप से बोलता है। नार्को विश्लेषण एक फोरेंसिक परीक्षण होता है, जिसे जाँच अधिकारी, मनोवैज्ञानिक, चिकित्सक और फोरेंसिक विशेषज्ञ की उपस्थिति में किया जाता है।