राजा भैया से 100 करोड़ और हर महीने 25 लाख मांग रहीं भानवी सिंह, गोपाल भैया का गंभीर आरोप, कहा- अब चलेगा सिलसिला
राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच चल रहे विवाद ने अब तूल पकड़ लिया है. भानवी द्वारा हाल ही में दर्ज की गई FIR के बाद, राजा भैया के चचेरे भाई अक्षय प्रताप सिंह ने चार दिनों में दूसरी बार भानवी सिंह पर गंभीर आरोप लगाए हैं. इस मामले में राजा भैया की बेटी राघवी सिंह भी सक्रिय हो गई हैं और उन्होंने अक्षय प्रताप को जवाब दिया है.

Raja Bhaiya Case: यूपी के बाहुबली नेता रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था, लेकिन हाल ही में भानवी ने दिल्ली के सफदरजंग थाने में राजा भैया पर मानसिक और शारीरिक प्रताड़ना का आरोप लगाते हुए एफआईआर दर्ज कराई, जिसके बाद यह विवाद और बढ़ गया. भानवी ने अपनी शिकायत में बेडरूम के अंदर हुई घटनाओं को सार्वजनिक किया, जिससे मामला और गंभीर हो गया.
इसके बाद अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल भैया ने सोशल मीडिया पर भानवी सिंह को निशाने पर लिया और कहा कि भानवी का असली चेहरा अब सामने लाना जरूरी हो गया है. उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यह सिलसिला जारी रहेगा.
गोपाल भैया पहले भी लगा चुके हैं आरोप
अक्षय प्रताप सिंह ने पहले भी रविवार को भानवी पर आरोप लगाए थे कि उसने उनके माता-पिता को भी प्रताड़ित किया. इसके बाद राघवी सिंह ने भी इस विवाद में हस्तक्षेप किया और अपनी नानी को मोहरा बनाए जाने के खिलाफ आवाज उठाई. अक्षय प्रताप सिंह ने भानवी पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर घर की बातें घर तक रहतीं तो बेहतर होता, लेकिन भानवी ने घर की बातों को बाहर लाकर उसे गॉसिप का हिस्सा बना दिया है.
भानवी सिंह के पास राजा भैया से अधिक संपत्ति
अक्षय ने यह भी बताया कि भानवी को राजा भैया से विवाह के बाद 1995 में कई संपत्तियां मिलीं, जिनमें प्रतापगढ़ में जमीनें, दिल्ली में बंगला, उत्तराखंड में विशाल बाग और व्यापारिक संस्थान शामिल थे. इसके अलावा, वह राजा भैया से अधिक आयकर रिटर्न भरती हैं. अक्षय ने यह दावा किया कि भानवी ने अब अपने शौक पूरे करने के लिए अदालत से 10 लाख रुपये प्रति माह की मांग की थी, लेकिन जब यह रकम कम पड़ी, तो उसने 100 करोड़ रुपये और 25 लाख रुपये प्रति माह की मांग की.
अक्षय ने कहा कि जिन बातों का उन्होंने उल्लेख किया है, उनके प्रमाण मौजूद हैं और वे न्यायालय से प्राप्त किए जा सकते हैं. यह मामला अब लोगों के विवेक पर छोड़ दिया गया है कि इन मांगों को सही मानते हैं या गलत.