Nithari Kand: नोएडा के चर्चित निठारी कांड मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. सोमवार को इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने निठारी कांड के दोनों आरोपी सुरेंद्र कोली और मोनिंदर सिंह पंढेर को सभी मामलों में दोषमुक्त कर दिया है. गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट से दोनों को फांसी की सजा मिली थी, जिसे हाईकोर्ट ने रद्द कर दिया है.
दरअसल, सीबीआई कोर्ट ने सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में और मनिंदर सिंह पंढेर को दो मामलों में फांसी की सजा सुनाई थी. सोमवार को न्यायाधीश अश्वनी कुमार मिश्रा और न्यायाधीश एसएएच रिजवी की अदालत ने निठारी कांड मामले में फैसला सुनाया. अदालत ने सीबीआई कोर्ट से मिली फांसी की सजा को रद्द करते हुए दोनों आरोपी को बरी कर दिया है.
जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट ने दोनों आरोपी की 14 याचिकाओं पर कई दिनों तक बहस करने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. सुरेंद्र कोली ने 12 मामलों में मिली फांसी की सजा के खिलाफ अर्जी दायर की थी. जबकि मनिंदर सिंह ने दो मामलों में मिली सजा के खिलाफ अपील दायर की थी.
प्रयागराज में निठारी कांड के दोषी मोनिंदर सिंह पंढेर की वकील मनीषा भंडारी ने कहा, "इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मोनिंदर सिंह पंढेर को उसके खिलाफ दो अपीलों में बरी कर दिया है. उसके खिलाफ कुल 6 मामले थे. यहां कोली को उसके खिलाफ सभी अपीलों में बरी कर दिया गया है."
इलाहाबाद उच्च न्यायालय सीधे तौर सबूत और गवाह नहीं होने के चलते दोषियों की सजा को रद्द करते हुए उन्हें बरी कर दिया है. हाईकोर्ट के इस फैसले से गाजियाबाद की सीबीआई कोर्ट को झटका लगा है. साल 2006 में निठारी कांड का पर्दाफाश हुआ था.
साल 2006 में ये मामला सामने आया, जब नौकरी की तलाश में घर से निकली एक युवती के पिता ने बेटी के लापता होने की एफआईआर नोएडा सेक्टर-20 के थाने में दर्ज करवाई. इसके बाद पुलिस की जांच में चौंकाने वाला मामला सामने आया. पुलिस ने निठारी के रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढेर की कोठी के पीछे के नालों से बच्चों और महिलाओं दर्जनों कंकाल बरामद किए. पुलिस ने मोनिंदर सिंह और उसके नौकर सुरेंद्र कोली आरोपी बनाया. इसके बाद ये मामला सीबीआई को ट्रांसफर कर दिया गया. सीबीआई ने दोनों के खिलाफ अपहरण, दुष्कर्म और हत्या के 14 मामले दर्ज किए थे. First Updated : Monday, 16 October 2023