शराब पीकर वोट देना सही या गलत, जानें क्या कहते हैं नियम
देश में लोकसभा का चुनाव का पहला चरण खत्म हो चुका है. अब दूसरे चरण में मतदान काल होने वाला है. जिसमें 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीट पर मतदान होना है. उत्तर प्रदेश की पश्चिमी यूपी में 26 अप्रैल को चुनाव होंगे. जिसमें गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अमरोहा, मेरठ, बागपत, अलीगढ़ और मथुरा सीट शामिल है. ऐसे में प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है.
देश में लोकसभा का चुनाव का पहला चरण खत्म हो चुका है. अब दूसरे चरण में मतदान काल होने वाला है. जिसमें 13 राज्यों की 88 लोकसभा सीट पर मतदान होना है. उत्तर प्रदेश की पश्चिमी यूपी में 26 अप्रैल को चुनाव होंगे. जिसमें गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर, बुलंदशहर, अमरोहा, मेरठ, बागपत, अलीगढ़ और मथुरा सीट शामिल है. ऐसे में प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है. इसी कड़ी में दो दिनों तक शराब की बिक्री पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है. मतदान के दिन पूरी तरह से ड्राई-डे रहेगा.अब ऐसे में एक सवाल शराब पीने वाले के मन में जरूर होगा कि क्या मतदान वाले दिन शराब पीकर वोट देने जा सकते है. यदि कोई शराब पीकर जाता है तो क्या पुलिस उसे गिरफ्तार कर सकती है. आइए आपको बताते है क्या है इसका नियम.
मतदान के दौरान शराब पीने वाले पर होगा मामला दर्ज
यूपी में प्रशासन से शांतिपूर्ण तरीके से मतदान कराने के लिए सभी तरह के देशी शराब, विदेशी मदिरा, बीयर, भांग, बार, रेस्टोरेंट और कैंटीन को 2 दिनों के लिए बंद कर दिया है. बता दें कि ये रोक केवल उन जगहों पर है जहां कल दूसर चरण में चुनाव होने वाले है. अब हम आते है उन सवालों के जवाब पर जो की लोगो के मन में होंगे. तो बता दें कि शराब पीना गलत नहीं है, बल्कि शराब पी कर गलत व्यवहार करना गलता है. लेकिन यदि आप चुनाव के दौरान ऐसा करते है तो आप पर आदर्श आचार संहिता उल्लंघन के साथ-साथ आईपीसी एक्ट के तहत भी मामला दर्ज हो सकता है.
क्या कहता है नियम
इस पूरे मामले पर निर्वाचन आयोग के रिटायर्ड सीनियर प्रिंसिपल सेक्रेटरी आर के श्रीवास्तव ने एक न्यूज चैनल से बातचीत में कि ‘शराब पीकर आप पोलिंग स्टेशन के अंदर या उसके आस-पास हुड़दंग करते हैं, किसी पार्टी का या उसके उम्मीदवार का जयकारा लगाते हैं या फिर आपके व्यवहार से किसी दूसरे वोटर को परेशानी होती है तो आप पर कार्रवाई हो सकती है. आप शराब पीकर पोलिंग स्टेशन पर किसी पार्टी के उम्मीदवार का जयकारा नहीं लगा सकते. जन प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 131 में प्रिसाइडिंग ऑफिसर के पास अधिकार है कि आप पर मामला दर्ज कर आपको जेल भेज दे. पोलिंग बूथ पर मौजूद पुलिस अधिकारी भी आईपीसी के तहत मामला दर्ज करा सकता है.’