Lok Sabha Elections: वाराणसी में CM नीतीश की रैली रद्द, JDU ने लगाये बीजेपी पर आरोप!
Lok Sabha Elections: रोहनिया वाराणसी का पटेल बहुल विधानसभा क्षेत्र है और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल इसी समुदाय से आती हैं. वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक अपना दल की अध्यक्ष भी हैं.
हाइलाइट
- वाराणसी में CM नीतीश कुमार की रैली रद्द
- UP सरकार और BJP पर JDU ने लगाया आरोप
Lok Sabha Elections: भाजपा ने शुक्रवार को JDU के इस दावे को खारिज कर दिया कि उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनकी प्रस्तावित रैली के लिए अनुमति नहीं दी है. वहीं बीजेपी ने कहा कि JDU ने इस रैली को इसलिए रद्द किया क्यूंकि उसे लग गया था रैली फ्लॉप हो जाएगी.
स्थानीय अधिकारियों ने नहीं दी रैली की अनुमति
जेडीयू ने एक दिन पहले दावा किया था कि 24 दिसंबर को उत्तर प्रदेश के रोहनिया विधानसभा क्षेत्र में होने वाली नीतीश कुमार की रैली रद्द कर दी गई है क्योंकि स्थानीय अधिकारियों ने इसके लिए अनुमति देने से इनकार कर दिया है. रोहनिया विधानसभा सीट प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी के अंतर्गत आती है.
JDU ने खुद किया रैली रद्द- सुशील कुमार मोदी
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा, ''उन्होंने खुद ही रैली रद्द कर दी क्योंकि उन्हें लगा कि लोग कम संख्या में आएंगे और यह एक फ्लॉप शो होने वाला है. ऐसा इसलिए क्योंकि ये इलाका अपना दल और बीजेपी का गढ़ है. रोहनिया वाराणसी का पटेल बहुल विधानसभा इलाका है और केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल इसी समुदाय से आती हैं. वह राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के घटक अपना दल की अध्यक्ष भी हैं.
जेडीयू नेता और बिहार के ग्रामीण विकास मंत्री श्रवण कुमार ने शुक्रवार को कहा था कि कुमार की रैली रद्द करनी पड़ी क्योंकि वाराणसी के रोहनिया में जगतपुर इंटर कॉलेज प्रशासन ने स्थानीय प्रशासन और राज्य सरकार के दबाव के कारण इसकी अनुमति देने से इनकार कर दिया.
JDU ने खुद ही रैली रद्द कर दी- बीजेपी
मोदी ने कहा, ‘‘मैंने इंटर कॉलेज के चेयरमैन अजय सिंह से बात की. उन्होंने बताया कि परिसर की चारदीवारी का निर्माण चल रहा है और यही कारण है कि परिसर में कार्यक्रम की अनुमति देने में कठिनाई हो रही है.'
मोदी ने आगे कहा कि ‘‘इसके बाद न तो वह दोबारा वहां गए और न ही कोई आवेदन दिया. मैंने जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक से बात की और पाया कि उन्हें इसकी जानकारी ही नहीं थी. रैली का आयोजन करने के लिए जगह मांगने के लिए किसी ने उनसे संपर्क नहीं किया.'