Delhi Service Bill: जयंत चौधरी के वोटिंग नहीं करने की चर्चाएं तेज, सामने आई असली वजह
Delhi Service Bill: राज्यसभा सांसद जयंत चौधरी के दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग नहीं करने की चर्चाएं तेज है. सोमवार को राज्यसभा भी दिल्ली सेवा बिल बहुमत से पास हो गया.
Jayant Chaudhary News: राज्यसभा सांसद और राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) प्रमुख जयंत चौधरी के सोमवार को दिल्ली सेवा बिल चर्चा और वोटिंग के दौरान संसद नहीं पहुंचने को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. दरअसल, जयंत चौधरी विपक्षी गठबंधन 'इंडिया' का हिस्सा है और वे बेंगलुरू में विपक्षी दलों की बैठक में भी शामिल हुए थे. बता दें कि सोमवार को दिल्ली सेवा बिल को राज्यसभा में भी पूर्ण बहुमत से पास हो गया.
आरएलडी के प्रवक्ता का बयान आया सामने
सांसद जयंत चौधरी के दिल्ली सेवा बिल पर चर्चा में भाग न लेने और वोटिंग के लिए राज्यसभा नहीं पहुंचने की चर्चाओं के बीच राष्ट्रीय लोकदल के प्रवक्ता अनिल दुबे का बयान सामने आया है. उन्होंने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा, "जयंत चौधरी की पत्नी का मेजर ऑपरेशन हुआ था, जिसकी वजह से राज्यसभा की कार्यवाही और दिल्ली सेवा विधेयक में भाग नहीं ले सके. लेकिन वो इस विधेयक पर इंडिया गठबंधन के साथ हैं, विपक्ष के साथ हैं. अगर पत्नी का स्वास्थ्य खराब न होता, तो वो इस चर्चा में हिस्सा लेते. अगर कोई गंभीर स्थिति आती, तो वो किसी भी कीमत पर राज्यसभा पहुंचते."
जयंत के बीजेपी के साथ होने की थी चर्चाएं
बीजेपी के नेतृत्व वाले दल NDA ने विपक्षी गठबंधन ‘INDIA’ को बड़ा झटका देते हुए सोमवार को दिल्ली सेवा बिल पास करा लिया है. वहीं, दूसरी तरफ इस विधेयक के पास होने के साथ ही यूपी की सियासत तेज हो गई थी. क्योंकि जयंत चौधरी बिल पर वोटिंग के दौरान मौजूद नहीं थे. इस वजह से उत्तर प्रदेश के सियासी गलियारों में एक बार फिर से जयंत चौधरी के बीजेपी के संपर्क में होने की अटकलें लगाई जाने लगी थी.
बिल के पक्ष में 131 और विरोध में 102 वोट पड़े
7 अगस्त को राज्यसभा में पर्ची के जरिए दिल्ली सेवा बिल पर वोटिंग हुई. बिल के पक्ष में 131 वोट पड़े, जबकि इसके विरोध में 102 वोट पड़े है. बता दें कि दिल्ली विधेयक के जरिए केंद्र सरकार उस अध्यादेश को कानून की शक्ल देना चाहती है, जिसमें दिल्ली के उपराज्यपाल (एलजी) के पास दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में अधिकारियों की पोस्टिंग और ट्रांसफर का अंतिम फैसला एलजी का मान्य होगा. राज्यसभा से बिल पास होने के बाद इसे राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु के पास भेजा जाएगा.