Explainer:कब शुरू हुआ मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह का विवाद, जानिए कितना पुराना है ये मामला

Sri krishna Janmabhoomi Case: मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद पर आज फिर सुनवाई हुई है. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने गुरुवार को विवादित परिसर का सर्वे कराने के आदेश दिया है.

हाइलाइट

  • श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद मामले में हाईकोर्ट परिसर का सर्वे कराने की दी मंजूरी
  • क्या है मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह विवाद का जड़

Explainer: उत्तर प्रदेश के मथुरा में स्थित श्रीकृष्ण जन्मभूमि मंदिर और शाही ईदगाह मस्जिद विवाद को लेकर एक बार फिर इलाहाबाद उच्च न्यायालय में सुनवाई हुई है. इस मामले में गुरुवार, (14 दिसंबर) को इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया. हाईकोर्ट ने अपने फैसले में इस विवादित परिसर का सर्वे कराने की मंजूरी दे दी है. कोर्ट ने विवादित जमीन का सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के जरिए कराए जाने की मांग को भी मंजूरी दे दी है.

श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा से कृष्ण प्रेमियों को बेहद लगाव है. कहा जाता है कि, यही कारागार में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था. इस जगह पर बाद में मंदिर बना दिया गया. ऐसे में कहा जा सकता है कि, श्रीकृष्ण जन्मभूमि मथुरा का इतिहास हजारों साल पुराना है. हालांकि बाद में मुगलों ने इस मंदिर का हिस्सा तोड़कर मंदिर बनवा दिया जो अब दो समुदायों के बीच विवाद का जड़ बना हुआ है.

कैसे शुरू हुआ श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह का विवाद-

दावा किया जाता है कि, साल 1669-70 के दौरान मुगल साम्राज्य का क्रूर शासक श्रीकृष्ण जन्मभूमि स्थली पर बने प्राचीन केशवनाथ मंदिर को तोड़कर उसी जगह पर शादी ईदगाह मस्जिद बनवा दिया था. इसके बाद जब साल 1770 में गोवर्धन में मुगलों और मराठों में जंग हुई तो इसमें मराठाओं की जीत हुई. वहीं जीत के बाद मराठाओं ने फिर से इस मंदिर का निर्माण करवाया.

क्या है मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह विवाद का जड़?-

श्रीकृष्ण जन्मभूमि और ईदगाह विवाद काफी साल पूरान है जो 13.37 एकड़ जमीन पर मालिकानी हक से जुड़ा हुआ है. दरअसल, 12 अक्टूबर 1968 को श्रीकृष्ण जन्मस्थान सेवा संस्थान ने शाही मस्जिद ईदगाह ट्रस्ट के साथ समझौता कर लिया था. इस समझाते में यह तय हुआ था कि, 13.7 एकड़ जमीन पर मंदिर और मस्जिद दोनों बनेगी.

आपको बता दें कि, श्रीकृष्ण जन्मभूमि के पास 10.9 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है और शाही ईदगाह मस्जिद के पास 2.5 एकड़ जमीन का मालिकाना हक है. वहीं इस मामले में हिंदू पक्ष का कहना है कि, शाही ईदगाह मस्जिद अवैध तरीके से कब्जा करके बनाया गया है. हिंदू पक्ष की ओर से कोर्ट में मांग की गई है कि, ईदगाह मस्जिद को श्रीकृष्ण जन्मभूमि से हटाया जाए.

हिंदू पक्ष की मांग-

यह याचिका भगवान श्री कृष्ण विराजमान और सात अन्य लोगों द्वारा अधिवक्ता हरिशंकर जैन, विष्णु शंकर जैन, प्रभाष पांडेय और देवकी नंदन के द्वारा दायर की गई थी. इस याचिका में दावा किया गया है कि भगवान कृष्ण की जन्मस्थली उस मस्जिद के नीचे मौजूद है और ऐसे कई संकेत हैं जो यह साबित करते हैं कि वह मस्जिद एक हिंदू मंदिर है. हिंदू पक्ष की मांग है कि, शाही ईदगाह मस्जिद को दी गई 13.37 एकड़ जमीन श्रीकृष्ण जन्मभूमि को सौंपी जाए. इसके अलावा उन्होंने अवैध रूप से बनी शाही ईदगाह मस्जिद को भी हटाने की भी मांग की है ताकि, अयोध्या की तरह मथुरा में भी भव्य मंदिर का निर्माण हो सके.

कोर्ट ने क्या सुनाया फैसला-

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले से जुड़े सभी मुकदमों की सुनवाई करते हुए अहम फैसला सुनाया. इस मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस मयंक कुमार जैन की सिंगल बेंच दोपहर करीब दो बजे अपना फैसला सुनाया है. कोर्ट ने अपने फैसले में ज्ञानवापी विवाद की तर्ज पर मथुरा के विवादित परिसर का भी सर्वे एडवोकेट कमिश्नर के जरिए कराए जाने का आदेश दिया है.

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14 December 2023, 05:31 PM IST

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