Gangster Sanjeev Jeeva: संजीव जीवा के हत्यारोपी विजय यादव के घर पहुंची जौनपुर पुलिस
उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी प्रशांत कुमार ने बताया, ''जैसे संजीव जीवा 3:50-3:55 बजे के बीच कोर्ट में प्रवेश करने का प्रयास किया वैसे ही वकील के वेश में एक व्यक्ति ने उस पर फायरिंग की।
हाइलाइट
- Gangster Sanjeev Jeeva: संजीव जीवा के हत्यारोपी विजय यादव के घर पहुंची जौनपुर पुलिस
Gangster Sanjeev Jeeva: उम्र कैद की सजा रहे 48 वर्षीय गैंगस्टर संजीव महेश्वरी उर्फ जीवा की बुधवार (7 जून) को उत्तर के लखनऊ में कोर्ट परिसर में गोली मारकर हत्या कर दी गई। उसे कोर्ट में पेशी के लिए लाया गया था जहां उसे गोली मार दिया गया है। हमलावर वकील की ड्रेस में था। इस मर्डर की जांच के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एसआईटी (Special Investigation Team) गठित करने का आदेश दिया है। बता दें कि तीन सदस्यों की एसआईटी में एडीजी टेक्निकल मोहित अग्रवाल, आईपीएस नीलाब्जा चौधरी और अयोध्या के आईजी प्रवीण कुमार होंगे। एक हफ्ते के अंदर जांच पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश के स्पेशल डीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने बताया, ''जैसे संजीव जीवा 3:50-3:55 बजे के बीच कोर्ट में प्रवेश करने का प्रयास किया वैसे ही वकील के वेश में एक व्यक्ति ने उस पर फायरिंग की। उस फायरिंग के दौरान संजीव जीवा घायल हुआ, 2 पुलिस कांस्टेबल,एक महिला और उसके साथ आई उसकी 1.5 वर्षीय बच्ची घायल हो गई। संजीव जीवा का उपचार के दौरान मृत्यु हो गई। पुलिस कांस्टेबल,महिला और उसकी बच्ची सब की हालत स्थिर हैं। फायरिंग करने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया गया है।''
#WATCH जैसे संजीव जीवा 3:50-3:55 बजे के बीच कोर्ट में प्रवेश करने का प्रयास किया वैसे ही वकील के वेश में एक व्यक्ति ने उस पर फायरिंग की। उस फायरिंग के दौरान संजीव जीवा घायल हुआ, 2 पुलिस कांस्टेबल,एक महिला और उसके साथ आई उसकी 1.5 वर्षीय बच्ची घायल हो गई। संजीव जीवा का उपचार के… pic.twitter.com/B60XhyHeDp
— ANI_HindiNews (@AHindinews) June 7, 2023
आपको बता दें की इस घटना के बाद एक बार फिर से पुलिस कस्टडी में उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। बता दें, हत्याकांड में मारे गए संजीव जीवा माफिया मुख्तार अंसारी का करीबी है।
पुलिस के मुताबिक संजीव जीवा के खिलाफ 24 केस दर्ज हुए थे। 17 मामलों में उसे बरी कर दिया गया था। मुजफ्फरनगर, शामली, हरिद्वार और फर्रुखाबाद जैसे क्षेत्रों में हत्या, अपहरण, रंगदारी और डकैती के मामलों में जीवा का नाम आया था।