Gyanvapi Shringar Gauri Case: ज्ञानवापी परिसर केस से जुड़े श्रृंगार गौरी केस में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बुधवार 31 मई को बड़ा फैसला सुनाया है। इलाहाबाद उच्च न्यायालय (HC) ने बुधवार को अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद कमेटी (AIMC) द्वारा दाखिल की गई पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया गया है। जिसमें वाराणसी अदालत के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें मस्जिद परिसर के अंदर पूजा करने के अधिकार की मांग वाली 5 हिंदू महिलाओं के मुकदमे की सुनवाई को चुनौती दी गई थी। हाईकोर्ट ने वाराणसी कोर्ट के 12 सितंबर 2022 के आदेश को कायम रखा है।
हिंदू पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील हरि शंकर जैन ने कहा, "मुझे उम्मीद है कि वह दिन दूर नहीं जब हम वहां एक भव्य शिव मंदिर का निर्माण करेंगे और वर्तमान ढांचे को हटा दिया जाएगा।"
बीते साल अक्टूबर में, वाराणसी में काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली मस्जिद समिति ने इलाहाबाद उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी जिसमें जिला अदालत के 12 सितंबर के आदेश को चुनौती दी गई थी, जिसमें पांच हिंदू महिलाओं द्वारा दायर मुकदमे को सुनवाई योग्य माना गया था। मस्जिद परिसर के भीतर मां श्रृंगार गौरी में प्रार्थना करने का अधिकार मांग रहे हैं।
12 सितंबर को, जिला अदालत ने हिंदू देवी-देवताओं की दैनिक पूजा के अधिकार की मांग करने वाली याचिका की सुनवाई के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका को खारिज कर दिया था, जिनकी मूर्तियां ज्ञानवापी मस्जिद की बाहरी दीवार पर स्थित हैं। First Updated : Wednesday, 31 May 2023