Gyanvapi case: ज्ञानवापी के मामले में वादी राखी सिंह ने राष्ट्रपति से की इच्छामृत्यु की मांग
Gyanvapi case: ज्ञानवापी के इस मामले में मुख्य वादी राखी सिंह के पैरोकार जितेंद्र सिंह ने मुकदमा को छोड़ दिया हैं। ऐसे में ज्ञानवापी के इस मामले में राखी सिंह ने एक पत्र जारी किया है। जिसमें उन्होंने राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है।
हाइलाइट
- वर्ष 2021 में ज्ञानवापी परिसर स्थित शृंगार गौरी की पूजा के अधिकार की मांग करने वाली पांच महिलाओं में राखी सिंह मुख्य वादी थीं।
Gyanvapi case: ज्ञानवापी विवाद से जुड़े एक मामले की मुख्य वादी राखी सिंह ने राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की इजाजत मांगी है। राखी सिंह उन 5 महिलाओं में से एक हैं जिन्होंने ज्ञानवापी परिसर में स्थित श्रृंगार गौरी की पूजा करने की मांग की थी। मुख्य वादी राखी सिंह का कहना है कि वो इस मुकदमे को लेकर काफी परेशान हो गई हैं।वहीं दूसरी ओर अब ज्ञानवापी के इस मामले को लेकर राखी सिंह ने एक पत्र जारी किया है जिसमें उन्होंने मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है।
साथ ही राष्ट्रपति से मृत्यु की मांग की है। उनका कहना है कि नौ जून की सुबह नौ बजे तक जवाब का इंतजार करेंगे। यदि जवाब नहीं आया तो हम अपना आगे का फैसला करेंगे।
साथ ही कहा कि इस मामले को लेकर हमे बदनाम किया जा रहा है और कई तरह-तरह की बातें हमारे बारे में लोगों को बताई जा रही है जो कि गलत है।
वादी राखी सिंह के खिलाफ फैल रहा है झूठा प्रचार
इतना ही नहीं झूठा प्रचार लगातार किया जा रहा है मैं, मुकदमा वापस लेना चाहती हूं। अब हम इस मुकदमे से परेशान हो गए हैं। इससे पहले भी ज्ञानवापी के मामले में पैरोकार जितेंद्र सिंह विसेन ने भी मुकदमा से हटने का एलान किया था, लेकिन अब इस मामले के चलते वादी राखी सिंह काफी दुखी हो चुकी हैं।
जिसके चलते उन्होंने इस मामले को गंभीर रूप से देखते हुए राष्ट्रपति के लिए पत्र जारी कर दिया है।जिसमें लिखा है कि हिंदू पक्ष की चार महिला वादिनी व कुछ अधिवक्ताओं पर मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाया गया है। साथ ही राष्ट्रपति से इच्छामृत्यु की मांग की है।वादी राखी सिंह नौ जून तक इंतजार करेंगी फिर आगे का फैसला लिया जायेगा।