Gyanvapi Case: ज्ञानवापी स्वामित्व मामले में हाई कोर्ट आज सुनाएगा फैसला, हिंदू पक्ष ने पूजा-अर्चना की थी मांग
Gyanvapi Verdict: हाईकोर्ट में इस मामले पर 8 दिसंबर को सुनवाई होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन आज सुबह करीब 11 बजे न्यायमूर्ति रोहित रंजन की बेंच इस केस में फैसला सुनाएगी.
Gyanvapi Verdict: वाराणसी में स्थिति ज्ञानवापी परिसर के स्वामित्व को लेकर वर्ष 1991 में दायर याचिका पर इलाहाबाद हाईकोर्ट 19 दिसंबर यानी आज फैसला सुनाएगी. न्यायमूर्ति रोहित रंजन की पीठ इस मामले पर आज फैसला सुनाएगी. वाराणसी अदालत में हिंदू पक्ष की ओर से इस बात तर्क दिया था गया कि मस्जिद, मंदिर का पार्ट है.
कोर्ट ने 8 दिसंबर को रखा था फैसला सुरक्षित
हाईकोर्ट में इस मामले पर 8 दिसंबर को सुनवाई होने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था, लेकिन आज सुबह करीब 11 बजे न्यायमूर्ति रोहित रंजन की बेंच इस केस में फैसला सुनाएगी. मामला यह है कि जिन पांच याचिकाओं पर सुनवाई के बाद कोर्ट आज फैसला सुनाने वाली है. उनमें से तीन याचिकाएं साल 1991 में वाराणसी की अदालत में दाखिल किए गए केस पोषणीयता से जुड़ी हुई हैं. जबकि दो अर्जियां एएसआई के सर्वेक्षण के खिलाफ है.
हिंदू पक्ष ने की पूजा अर्चना की मांग
भगवान विश्वेश्वर विराजमान को लेकर वाराणसी की अदालत में साल 1991 में दाखिल मुकदमे में विवादित परिसर में हिंदुओं को सौंपे जाने के साथ वहां पूजा-अर्चना की मांग की थी. अब हाईकोर्ट को यही मुख्य रूप से फैसला करना है कि वाराणसी की कोर्ट इस मामले को सुन सकती है या नहीं. वहीं, मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर याचिका में कोर्ट में कहा गया कि प्लेसेस ऑफ वारशिप एक्ट के तहत विश्वेश्वर की सुनवाई नहीं की जा सकती है. हिंदू पक्ष का कहना है कि यह विवाद आजादी से पहले का है. इसलिए इस मामले में प्लेसिस ऑफ वारशिप एक्ट लागू नहीं होता है.
सबसे पहले न्यायमूर्ति पाडिया इस प्रकरण में सुनवाई कर रहे थे
ज्ञानवापी केस में काफी लंबे समय से सुनवाई चल आ रही थी, न्यायमूर्ति पाडिया ने इस केस में सुनवाई की थी. लेकिन जब वह फैसला सुनाने वाले थे उससे पहले ही तत्कालीन मुख्य न्यायमूर्ति प्रीतिंकर दिवाकर विशेषाधिकार का इस्तेमाल करते हुए इस केस को खुद ले लिया था. नंवबर में उनके रिटायर्ड होने के बाद यह प्रकरण न्यायमूर्ति रोहित रंजन की बेंच के पास आ गया. जिस पर वह आज फैसला सुनाने वाले हैं.