घर खरीदने वालों के साथ नहीं होगा धोखा, RERA के नए नियमों में बड़ी राहत

Rera New Rule: बिल्डरों से घर खरीदने के समय कई व्यक्ति ठगी का शिकार हो जाते हैं, क्योंकि कस्टमर्स  के पास ऐसा कोई प्लेटफार्म नहीं होता था जहां पर उस प्रोजेक्ट की हकीकत का पता चल सके. लेकिन, रेरा ने अब ऐसी व्यवस्था की है कि कोई भी प्रमोटर घर खरीदार को ठग नहीं सकेगा. बस एक क्लिक में कोई भी कस्टमर संबंधित प्रोजेक्ट की पूरी कुंडली निकाल सकेगा. 

JBT Desk
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Rera New Rule: एक व्यक्ति जब किसी बिल्डर से घर खरीदने के लिए जाता है तो बिल्डरों की तरफ से अपने ब्रोशर में बड़े-बड़े दावे किए जाते हैं, लेकिन  जैसे ही परियोजना लागू हो जाती है  तो घर खरीदने वाला व्यक्ति अपने आप को ठगा हुआ पाता है. वहीं देखा जाए तो ज्यादातर प्रोजेक्ट में प्रमोटर्स ने झूठ ही बोला है, लेकिन कस्टमर्स  के पास ऐसा कोई प्लेटफार्म नहीं होता था जहां पर उस प्रोजेक्ट की हकीकत का पता चल सके. लेकिन, रेरा ने अब ऐसी व्यवस्था की है कि कोई भी प्रमोटर घर खरीदार को ठग नहीं सकेगा. बस एक क्लिक में कोई भी कस्टमर संबंधित प्रोजेक्ट की पूरी कुंडली निकाल सकेगा. 

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार,  रेरा द्वारा रजिस्टर्ड  परियोजनाओं को एक स्पेसिफिक क्यू.आर.कोड प्रदान किया गया है. वहीं हर नयी परियोजना के अलावा उन परियोजनाओं को भी यह क्यू.आर. कोड प्रदान किया है, जिनका पंजीकरण वैध है.  किसी भी परियोजना में निवेश के लिए इच्छुक व्यक्ति अपने मोबाइल फोन से इस कोड को स्कैन कर सकता है, उ.प्र. रियल एस्टेट रेगुलेटरी अथॉरिटी( रेरा) के पोर्टल से परियोजना तथा प्रमोटर से संबन्धित सभी जानकारियां आसानी से प्राप्त कर सकता है और विज्ञापनों में प्रकाशित सभी जानकारी को परख सकता है. 

हर रिकॉर्ड्स में जरूरी होगा क्यू आर कोड

उ.प्र. रेरा ने प्रमोटरों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे कस्टमर्स के साथ शेयर किए जाने वाले सभी प्रकार  के रिकॉर्ड्स , जैसे कि बुकिंग-फॉर्म, अलॉटमेंट लेटर, बी.बी.ए. और परियोजना के प्रचार और मार्केटिंग के लिए प्रयुक्त सभी प्रकार के प्रचार माध्यमों, जैसे कि प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक, डिजिटल, ऑनलाइन, सोशल मीडिया, ऑडियो-वीडियो और यूट्यूब, ई-मेलर्स, एसएमएस, ब्रोशर, पैम्फलेट, आउटडोर होर्डिंग आदि के माध्यम से विज्ञापन तथा रियल एस्टेट एजेंटों द्वारा बनाए गए पोर्टल, सोशल मीडिया पेज और डिजिटल चैनलों में यह क्यू.आर. कोड प्रकाशित कराना आवश्यक होगा. 

क्यू आर कोड में होगी प्रोजेक्ट की पूरी जानकारी

उ.प्र. रेरा के अध्यक्ष, संजय भूसरेड्डी के अनुसार, कोई भी कस्टमर  मोबाइल फोन की मदद से क्यू.आर. कोड को स्कैन करके रेरा पोर्टल पर प्रोजेक्ट से जुड़ी कोई भी जानकारी जैसे कि भू-रिकॉर्ड्स, अप्रूव्ड लेआउट और मैप, परियोजना की विशेषताएं (Specifications)और सुविधाएं, परियोजना के  शुरू और खत्म होने की तारीखें, बैंक खाते, प्रमोटर, सह-प्रोमोटर, रजिस्टर्ड एजेंट, तिमाही प्रगति रिपोर्ट (क्यू.पी.आर.), ओ.सी. या सी.सी., नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट-पत्र तथा अन्य रिकॉर्ड्स की जानकारी आसानी से प्राप्त कर सकता है.  

यह सुविधा उपभोक्ताओं के फायदे के लिए है.  अब वह प्रमोटर या रियल एस्टेट एजेंट या संबंधित विकास प्राधिकरण के कार्यालय में गए बिना किसी भी परियोजना आवासीय या कमर्शियल यूनिट खरीदने में कोई उसे धोखा नहीं दे पायेगा.

 

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18 July 2024, 11:14 PM IST

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