Iqbal Ansari: जानें कौन हैं राम मंदिर के भूमिपूजन का सबसे पहला निमंत्रण पाने वाले इकबाल अंसारी?
Iqbal Ansari: अयोध्या भूमि विवाद के वादियों में से एक इकबाल अंसारी ने हाल ही में अयोध्या गए प्रधानमंत्री मोदी के काफिले पर गुलाब के फूल बरसाए थे.
हाइलाइट
- प्रधानमंत्री के काफिले पर बरसाए थे गुलाब के फूल
- कभी राम मंदिर के लिए भूमि दिये जाने के खिलाफ थे इकबाल अंसारी
Ayodhya Ram Mandir Bhumipujan: अगले साल 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन और रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर पूरे देश में उत्साह है. पूरा देश इस मौके को भगवान राम के पुनरागमन के तौर पर देख रहा है. इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए देश-विदेश के लोगों को निमंत्रण भेजा जा चुका है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राम मंदिर के के भूमिपूजन का सबसे पहला निमंत्रण किसे मिला था? भूमिपूजन का सबसे पहला निमंत्रण पाने वाले और कोई नहीं बल्कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मुकदमे के मुद्दई इकबाल अंसारी थे.
प्रधानमंत्री के काफिले पर बरसाए फूल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 30 दिसम्बर को अयोध्या का दौरा किया था. इस दौरान सम्पूर्ण आयोध्यावासियों ने प्रधानमंत्री का स्वागत किया लेकिन जब उनका काफिला पांजी टोला इलाके से गुजरा तो इकबाल अंसारी ने पीएम मोदी पर गुलाब के फूल बरसा कर उनका स्वागत किया. इस बारे में उन्होंने कहा कि ये उनके लिए खुशी की बात है कि प्रधानमंत्री दर्शन के लिए अयोध्या आए हैं. उन्होंने आगे कहा कि "वह हमारे यहां आए हैं. वह हमारे मेहमान और हमारे प्रधानमंत्री हैं."
कौन हैं इकबाल अंसारी?
अयोध्या भूमि विवाद मामले के वादियों में से एक इकबाल अंसारी के पिता हाशिम अंसारी भूमि विवाद केस के सबसे उम्रदराज वादी थे. 2016 में पिता की मौत के बाद इकबाल ने अदालत में मामले को आगे बढ़ाया था. इसके साथ ही इकबाल अंसारी सहित कुछ वादियों ने ही अयोध्या विवाद को कोर्ट से बाहर हल करने से इंकार कर दिया था. इस बारे में स्थानीय मुसलमानों की एक बैठक में एक प्रस्ताव पारित कर कहा गया था कि मुसलमान मस्जिद को किसी अन्य स्थान पर स्थानांतरित नहीं करेंगे.
अयोध्या हिन्दू-मुस्लिम एकता का संदेश देती है- इकबाल अंसारी
बाबरी मस्जिद के पक्षकार और कभी राम मंदिर के लिए भूमि दिये जाने के खिलाफ रहे इकबाल अंसारी ने अयोध्या की गंगा-जामुनी तहजीब और प्रधानमंत्री पर फूल बरसाने को लेकर कहा कि "अयोध्या सभी को संदेश देती है कि यहाँ हिन्दू-मुस्लिम सब मिलकर साथ रहते हैं और एक दूसरे के कार्यक्रम में शिरकत करते है." इसके साथ ही जब उन्हें राम मंदिर के भूमि-पूजन का सबसे पहले न्योता मिला था तब भी उन्होंने कहा था कि "मैं कार्यक्रम में जरूर जाऊंगा. भगवान राम की मर्जी से हमें न्योता मिला है. मैं हमेशा मठ-मंदिरों में जाता रहा हूँ और निमंत्रण मिला है तो जरूर जाऊंगा."