Lok Sabha Election: यूपी में 'I.N.D.I.A' गठबंधन की मुश्किलें बढ़ा सकती है रालोद, 12 सीटों पर कर सकती है दावा
UP Politics: अगामी लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) यूपी की 12 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने और दावा करने की तैयारी कर रही है. आरएलडी के इस कदम से कांग्रेस और सपा को तगड़ा झटका लग सकता है.
Lok Sabha Election 2024: देश में लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों का दौर जारी है. इस बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी लोकसभा चुनाव की सुगबुहाट तेज हो गई है. महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में विपक्षी गठबंधन 'I.N.D.I.A' की बैठक से पहले यूपी के राजनीतिक गलियारों में सीट बंटवारे की चर्चा शुरू हो गई है. बता दें कि यूपी में कांग्रेस, समाजवादी पार्टी (सपा) और आरएलडी इंडिया गठबंधन का हिस्सा है. जबकि बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती अकेले चुनाव लड़ने का दावा कर रही है.
इस बीच खबर है कि यूपी में कांग्रेस और सपा की मौजूदगी के बीच राष्ट्रीय लोकदल राज्य की 12 सीटों पर सीधे अपना दावा करने की तैयारी में है. पश्चिमी यूपी में जातिगत समीकरणों के आधार पर रालोद 12 सीटों पर दावा जताएगी. हालांकि अभी तक रालोद, समाजवादी पार्टी और कांग्रेस इस मामले पर चुप है. बता दें पश्चिमी यूपी की ज्यादातर सीटों पर आरएलडी का वोट शेयर ज्यादा माना जाता है. आरएलडी ने 2022 के विधानसभा चुनाव में 8 सीट पर जीत हासिल की थी.
हालांकि 2017 के विधानसभा चुनाव में आरएलडी ने 277 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन बीजेपी की आंधी में उसके 266 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो गई थी. इस चुनाव में रालोद सिर्फ एक सीट छपरौली ही जीत पाई थी. बता दें कि छपरौली विधानसभा सीट बागपत जिले के अंतर्गत आती है और प्रदेश की महत्वपूर्ण सीट में से एक मानी जाती है.
वेस्ट यूपी की इन सीटों पर है आरएलडी का प्रभाव
पश्चिमी यूपी की बागपत, मुज्जफरनगर, कैराना, बिजनौर, मथुरा, अमरोहा, मेरठ समेत करीब 12 सीटों पर आरएलडी का ज्यादा प्रभाव माना जाता है.
जयंत के लिए आसान नहीं 2024 की राह
जयंत चौधरी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोकदल ने विधानसभा चुनाव 2022 में यूपी की 33 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन सिर्फ आठ सीटों पर ही जीत हासिल की थी. जबकि सपा ने 111 सीटों पर जीत दर्ज की थी. 2022 के चुनाव में दोनों दलों ने गठबंधन किया था और साथ मिलकर चुनाव प्रचार किया था. लेकिन अखिलेश और जयंत की जोड़ी जनता के दिलों में जगह नहीं बना सकी. ऐसे में जाट बहुल क्षेत्र की सियासत करने वाले आरएलडी प्रमुख जयंत चौधरी के लिए 2024 की राह आसान नहीं होने वाली है.