Lok Sabha Election: कानपुर से अजय कपूर पर BJPखेल सकती है दांव, हाल ही में कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए हैं शामिल

Lok Sabha Election: कानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी हाल ही में कांग्रेस छोड़कर पार्टी में शामिल हुए अजय कपूर को चुनावी मैदान पर उतार सकती है. कपूर उत्तर प्रदेश के बड़े भाजपा नेता सतीश महाना के रिश्तेदार हैं.कांग्रेस से भी वह कई बार चुनाव जीत चुके हैं.

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Lok Sabha Election: कानपुर लोकसभा सीट से बीजेपी ने अभी तक अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है. हाल ही में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में आए अजय कपूर ने बीजेपी यहां से अपना उम्मीदवार बना सकती है. तीन बार कानपुर के गोविंद नगर और किदवई नगर से विधायक रह चुके अजय कपूर इस सीट पर जीत हासिल कर सकते हैं. अजय कपूर के परिवार का बीजेपी से पुराना रिश्ता रहा है.

अजय के भाई विजय कपूर पहले भाजपा से मेयर का टिकट मांग चुके हैं. अजय कपूर उत्तर प्रदेश के बड़े भाजपा नेता सतीश महाना के रिश्तेदार हैं. राजनीतिक सूत्रों का कहना है कि सतीश महाना ने ही अजय को बीजेपी में लाने के लिए मनाया है. मतलब कि भाजपा के परंपरागत मतदाताओं में सतीश महाना के समर्थकों के शामिल होने के बाद यह एक जिताऊ समीकरण बन सकता है.

भाजपा में क्यों आए अजय कपूर?

सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार अजय कपूर कांग्रेस से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए टिकट मांग रहे थे, लेकिन पार्टी के अंदर ही आलोक मिश्रा से उन्हें कड़ी चुनौती मिल रही थी. आलोक मिश्रा ने कानपुर में जिस तरह लोकसभा चुनाव को लेकर तैयारियां शुरू कर दी हैं, पार्टी नेता मानते हैं कि इस बार आलाकमान उन पर भरोसा जता सकता है. इसी डर के चलते अजय कपूर ने पार्टी ही छोड़ दी. हालांकि अजय कपूर पिछले दो चुनाव हार चुके हैं.

ऐसे में कांग्रेस उन पर भरोसा जताने से डर रही थी. इसी के चलते अजय कपूर के सामने कांग्रेस से टिकट पाने वालों में आलोक मिश्रा की दावेदारी ज्यादा मजबूत हो गई. इस बात का आभास जब कपूर को हुआ तो उन्होंने बीजेपी में जाने का फैसला ले लिया.

बीजेपी में आकते ही बढ़ गई ताकत

अजय कपूर कांग्रेस में रहते हुए भले ही कमजोर लगते थे लेकिन बीजेपी में आने के बाद उनकी जीत पक्की मानी जा रही है. अगर पार्टी ने उनको टिकट दिया तो पूरा लोकसभा चुनाव में वो मोदी लहर में सवाल होकर जीत का स्वाद चख सकते हैं. 2014 में इस सीट से भाजपा के दिग्गज नेता मुरली मनोहर जोशी और 2019 में सत्यदेव पचौरी ने जीत हासिल की थी.

बीजेपी के पारंपरिक वोटरों का मिल सकता है साथ

अजय कपूर की पारिवारिक पृष्ठभूमि राजनीतिक रही है, वे स्वयं कांग्रेस के टिकट पर तीन बार चुनाव जीत चुके हैं, लिहाजा क्षेत्र में उनके बड़े समर्थक हैं और वे किसी भी पार्टी में जाएं, उनका समर्थक वर्ग उनके साथ ही बना रहता है. कानपुर को ब्राह्मण लोकसभा सीट माना जाता है. उन्हें इसका भी लाभ मिल सकता है. ऐसे में भाजपा के पारंपरिक मतदाताओं के साथ उनके समर्थकों के आने से उनकी जीत हो सकती है. First Updated : Wednesday, 13 March 2024