Lok Sabha Elections 2024: यूपी में बबुआ का खेल बिगाड़ती दिख रहीं बुआ, BSP ने 4 मुस्लिम उम्मीदवारों को दिया टिकट
Lok Sabha Elections 2024: यूपी में लोकसभा चुनाव को लेकर मायावती ने अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया है. बीएसपी ने तीन दिन में चार मुस्लिम उम्मीदवारों को टिकट दिया है. इससे सपा का खेल बिगड़ सकता है.
Lok Sabha Elections 2024 : लोकसभा चुनाव 2024 में उत्तर प्रदेश में मायावती ने इस बार किसी भी दल से गठबंधन नहीं किया. यूपी में अकेले ही चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. पिछले तीन दिनों में मायावती 5 प्रत्याशियों के नामों का ऐलान कर चुकी हैं. इसमें चार मुस्लिम प्रत्याशी हैं. उत्तर प्रदेश में अभी तक मायावती जिस तरह से अपने उम्मीदवारों को उतार रही हैं इससे सपा को नुकसान होता दिख रहा है.
अगर इसी तरह से आगे भी मायावती ने अपने उम्मीवदवारों का ऐलान किया तो वो अखिलेश यादव का खेल बिगाड़ सकती हैं. क्योंकि हर चुनाव में मुस्लिम वोट भाजपा के खिलाफ एकमुश्त पड़ते रहे हैं. अगर किसी दल से कोई मुस्लिम प्रत्याशी नहीं है तो यह वोट सीधे सपा को ही जाता रहा है. हाल ही में बीएसपी ने पीलीभीत, कन्नोज, अमरोहा, मुरादाबाद में मुस्लिम उम्मीदवारों को उतारा है.
ऐसे में जहां भी बसपा ने मुस्लिम प्रत्याशी उतारा है उसका खामियाजा सपा को ही भुगतना पड़ेगा. इसका सबसे बड़ा उदाहरण आजमगढ़ लोकसभा उपचुनाव में देखने को मिला था. यहां भाजपा प्रत्याशी ने सपा को केवल डेढ़ लाख मतों से हराया था, जबकि बसपा के मुस्लिम प्रत्याशी को ढाई लाख से ज्यादा वोट मिल गए थे.
विस चुनाव में दिखा था बसपा की रणनीति का असर
यूपी में विधानसभा चुनाव में बसपा की रणनीति का असर दिखने के लिए मिला था. बसपा भले ही 403 में से केवल एक सीट जीत सकी थी, लेकिन सपा को हराने में उसकी अहम भूमिका थी. इस बार भी कुछ ऐसा ही नजर आ रहा है. बसपा ने इसी औसत से मुस्लिम प्रत्याशियों को उतारा तो सपा-भाजपा के बीच दिख रही सीधी टक्कर त्रिकोणीय हो जाएगी और बसपा भले न जीते लेकिन सपा की हार तय कर सकती है.
2019 के आम चुनाव में साथ थे सपा- बसपा
2019 के लोकसभा चुनाव में सपा औक बसपा ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. सपा के साथ गठबंधन पर उसके हिस्से में 38 सीटें आई थीं. इनमें से वह 10 सीटों अंबेडकरनगर, अमरोहा, बिजनौर, गाजीपुर, घोसी, जौनपुर, लालगंज, नगीना, सहारनपुर और श्रावस्ती जीती थी. इनमें से 27 सीटों पर वह नंबर दो पर रही और एक सीट फतेहपुर सीकरी में नंबर तीन पर रही है. जातीय समीकरण, वोटों की गणित और परफार्मेंस के आधार पर उम्मीदवार चयन का मानक रखा गया था. बसपा सुप्रीमो मायावती ने इसके आधार पर उम्मीदवारों की सूची को अंतिम रूप दिया है.
कांशीराम की जयंती मनाने का आदेश
बसपा सुप्रीमो मायावती ने इस बार लोकसभा चुनाव के पहले कांशीराम की जयंती मंडल स्तर पर मनाने का निर्देश दिया है. मंडल प्रभारियों को जिम्मेदारी दी है कि इसमें कॉडर के सभी नेताओं को बुलाएं और उनके समाने ही लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों के नाम बतौर प्रभारी घोषित किए जाएंगे. इसके साथ ही मंडल के सहायक प्रभारियों को लोकसभा प्रभारी के साथ गांव-गांव कॉडर कैंप करने का निर्देश दिया जाएगा.
घर वापसी करने वालों को भी टिकट
पार्टी सूत्रों का कहना है कि बसपा छोड़कर दूसरे दलों में जाने वाले कुछ नेताओं ने घर वापसी की है. इनमें से कई पूर्व मंत्री भी हैं. बसपा घर वापसी करने वालों को भी लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बना रही है. इनमें से अधिकतर नेता दलित, ओबीसी और मुस्लिम हैं. ये ऐसे नेता हैं जिनका अपने-अपने क्षेत्रों में जनाधार है. बसपा छोड़कर अन्य दलों में इसलिए गए थे कि कुछ होगा, लेकिन अच्छा न होने पर घर वापसी कर बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ने की स्वयं भी इच्छा जताई है.