Lucknow News: नदी से बरामद हुआ 22 घंटे बाद राज का शव
लखनऊ के हजरतगंज के मेले के मैदान में टूटी रेलिंग से गोमती में गिरे राज सोनकर का शव बुधवार को दोपहर 1:00 बजे के करीब गोताखोरों की मदद से निकाल लिया गया है। 22 घंटे के बाद मिले उस शख्स के परिजनों में कोहराम मंच गया।
हाइलाइट
- राज के परिजनों ने और स्थानीय लोगों ने हजरतगंज पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
जब 22 घंटे के बाद मृत के परिजनों ने शव को देखा तो उसके होश ही उड़ गए। लाडले का शव देखकर पार्वती बेसुध हो गईं। उस जगह की महिलाओँ ने किसी भी तरह से पार्वती को संभाला।आपके बात दें कि इससे पहले करीब 12 बजे के आस-पास एसडीआरएफ के सर्च ऑपरेशन को लेकर लोगों की पुलिस वालों से नोकझोंक भी हुई थी।
लोगों ने पुलिस के ऊपर लापरवाही का भी आरोप लगाया है। उस शख्स का नाम राज बताया जा रहा है राज के मामा मंगल ने बताया है कि देर रात अंधेरा होने पर सर्च ऑपरेशन को रोक दिया गया था।सुबह होते ही सर्च ऑपरेशन शुरु किया गया था।
पुलिस का इस तरह से काम करना कई लोगों को अच्छा नहीं लगा।साथ ही काम के दौरान इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आई है। कई घंटों तक परिजनों वहां पर हंगामा भी किया था।जिसके चलते पुलिसकर्मियों के साथ बहसबाजी भी की गई थी।
हुई मां बेहोश
लोगों के कहने पर एसडीआरएफ ने सर्च ऑपरेशन लगातार किया कई कोशिशों के बाद 22 घंटे के बाद राज का शव निकाल गया। बेटे का शव देखकर मां पार्वती चीख मारकर रोने लगी रोते-रोते वह बेहोश हो गई। साथ ही राज के पिता का भी रो-रोकर बुरा हाल हो गया। पुलिस ने राज के शव को किसी पास के अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिजनों ने पुलिस पर लगाया लापरवाही का आरोप
राज के परिजनों ने और स्थानीय लोगों ने हजरतगंज पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।परिजनों का कहना है कि यदि समय रहते एसडीआरएफ को तुरंत सूचना दे दी होती, तो राज का शव जल्दी मिल जाता।
आपको बता दें कि स्थानीय समाजसेवी रकेश चौधरी ने जब जिलाधिकारी के फोन पर सूचना दी। सूचना देने के बाद तीन घंटे बाद एसडीआरएफ की एक टीम मौके पर पहुंची और सर्च ऑपरेशन करीब 7:00 बजे से शुरु किया।