प्राइवेट केबिन में स्पेशल सर्विस, यूनिवर्सिटी के सामने चल रहा था गंदा खेल
मेरठ में स्पेशल सर्विस के नाम पर चल रहे गंदे खेल का हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है. इस खतरनाक काम को एक महिला अंजाम दे रहे थी, जिसके पीछे और भी कई लोग थे. पुलिस ने 7 लोगों को दबोच लिया है.
मेरठ के भीतर रईस लोगों को प्राइवेट केबिन में स्पेशल सर्विस देने का खुलासा हुआ है. चौधरी चरण सिंह यूनिवर्सिटी के सामने चल रहे इस गोरखधंधे की सरगना आयशा खान को पुलिस ने गिरफ्तार किया है. सैलून के नाम से खुली दुकान में अवैध गतिविधियों को अंजाम दिया जा रहा था.
दरअसल, 'द सीजर्स फैमिली यूनिसेक्स सैलून' में लड़कियों से मसाज कराने और स्पेशल सर्विस देने का धंधा चल रहा था. ग्राहक जैसे ही इस इस सैलून में कदम रखते दो लड़कियां मुस्कुराहट के साथ स्वागत करती. इसके बाद ग्राहक से रजिस्टर पर नाम, पता और मोबाइल नंबर दर्ज करने को कहा जाता था, जिसके बाद असली खेल शुरू होता था.
ग्राहक को मोबाइल में लड़कियों को फोटो दिखाए जाते थे, ग्राहक जिसपर उंगली रखता उसी लड़की के साथ उसे प्राइवेट केबिन में भेज दिया जाता था. केबिन में सिर्फ एक छोटी सी नीले रंग की लाइट होती थी. इसके बाद ग्राहक से कपड़े उतारने के लिए कहा जाता था. इसके बाद केबिन में हुई हर घटना को एक हिडेन कैमरे में कैद कर लिया जाता था.
दिल्ली से आती थी लड़कियां
इस सैलून में दिल्ली से ट्रेंड करके लड़कियां बुलाई जाती थी, कैमेरा ऐसे लगा होता था कि उसमें सिर्फ ग्राहक का ही चेहरा रिकॉर्ड हो. मसाज करने वाली लड़की नजर नहीं आती थी. हैरान कर देने वाली ये कहानी है मेरठ के उस मसाज पार्लर की है जहां लंबे समय से ब्लैकमेलिंग का गंदा खेल चल रहा था. इस गंदे खेल का खुलासा तब हुआ जब, इनके ट्रैप में फंसे एक बैंक अधिकारी ने पुलिस में मामला दर्ज कराया.
2000 में 60 मिनट की सर्विस
मेरठ में चल रहे इस मसाज पार्लर को आयशा खान नाम की एक महिला चला रही थी. पार्लर के अंदर छोटे-छोटे 6 केबिन बने थे, जिनमें ग्राहकों को मसाज दी जाती थी. पार्लर के अंदर 60 मिनट की सर्विस का चार्ज 2 हजार रुपये था, इसमें 45 मिनट की मसाज और 15 मिनट का शावर शामिल था. इसके साथ ही अधिक पैसे देने पर स्पेशल सर्विस देने की भी व्यवस्था थी.
पुलिस ने की छापेमारी
हालांकि, आयशा खान की असली कमाई इसके बाद शुरू होती थी. रईस लोगों को हुस्न का शिकार बनाकर उनका वीडियो बनाया जाता था और फिर ब्लैकमेल करके मोटी रकम ऐंठी जाती थी. किसी रिकॉर्ड से बचने के लिए आयाशा सिर्फ वाट्सऐप कॉल करती थी. फिलहाल, पुलिस ने छापेमारी करके इस गंदे खेल का भंडाफोड़ कर दिया है.