Explainer: अयोध्या में बाबरी के बदले बनने वाली मस्जिद कैसी होगी? हजारों की संख्या में पढ़ सकेंगे नमाज... ऐसी होंगी सुविधाएं
Explainer: हाजी अरफ़ात शेख़ महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं, उन्होंने कहा कि मस्जिद का निर्माण ऐसी जगह होना चाहिए. जहां पर सभी धर्म के लोग आकर शांति महसूस करें.
Explainer: अयोध्या में बाबरी जगह नई मस्जिद बनाने के लिए सुप्रीम कोर्ट ने अलग से 5 एकड़ की जमीन मुहैया कराने के लिए सरकार को आदेश दिया था. जिसके बाद इस्लाम धर्म को मानने वाले लोगों ने मस्जिद के निर्माण के लिए इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन (IICF) को दिया है. फाउंडेशन ने कहा है कि आने वाले समय में यहां पर एक विशाल मस्जिद के साथ दवा के लिए भी जगह बनाई जाएगी.
मस्जिद के साथ बनेगा एक कैंसर अस्पताल
इंग्लिश न्यूज पेपर टाइम्स ऑफ़ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, 11 एकड़ की इस विशाल भूमि पर मस्जिद के साथ-साथ एक कैंसर अस्पताल, दो कॉलेज और बड़े बगीचे बनाएंगे. यहां पर एक विशाल कुरान भी रखी जाएगी, जिसका रंग भगवा होगा. अयोध्या में बन रहे बाबरी जगह राम मंदिर की तैयारियों के बीच इंडो इस्लामिक कल्चरल फाउंडेशन नई मस्जिद का कार्य शुरू करने के उद्देश्य से आगे बढ़ रहा है. बताया जा रहा है कि बाबरी की जगह जो नई मस्जिद बनाई जा रही है कि उसकी पहचान मुगलों से न होकर मोहम्मद पैगंबर और उनके पिता मोहम्मद बिन-अब्दुल्लाह की मस्जिद के नाम से जाना जाएगा.
अयोध्या से करीब 25 KM दूर धन्नीपुर में बनेगी मस्जिद
अयोध्या से करीब 25 किलोमीटर दूर धन्नीपुर में 11 एकड़ जमीन (सरकार से मिली 5 एकड़ की जमीन और सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दी 6 एकड़ जगह) में एक शानदार मस्जिद के अलावा एक 500 बेड कैंसर अस्पताल बनाया जाएगा. इसमें दो कॉलेज, एक वृद्धाश्रम और एक किचन भी बनाया जाएगा जिसमें सिर्फ शाकाहारी भोजन बनाया जाएगा. बता दें कि बाबरी के बदले में बनने मस्जिद के लिए हाल ही में आईआईसीएफ़ हाजी अरफ़ात शेख़ को मस्जिद विकास समिति का प्रमुख घोषित किया था.
सभी धर्म के लोगों का होगा वेलकम
हाजी अरफ़ात शेख़ महाराष्ट्र सरकार में अल्पसंख्यक आयोग के पूर्व अध्यक्ष रहे हैं, उन्होंने कहा कि मस्जिद का निर्माण ऐसी जगह होना चाहिए. जहां पर सभी धर्म के लोग आकर शांति महसूस कर सकें, मस्जिद के दरवाजे सभी धर्मों के लिए खुले रहेंगे. अरफात साहब ने कहा कि अस्पताल, शाकाहारी किचन और बगीचा बनाने के फैसला इसलिए लिया गया है ताकि सभी धर्मों के लोग यहां पर आकर अपना इलाज, खाना और शांति महसूस कर सकें. यहां पर आधुनिक शिक्षा और बेहतर दवाईयों का प्रबंधन किया गया है.
मस्जिद में होगी पांच मीनार
धन्नीपुर में बनने वाली मस्जिद में पांच मीनारें होंगी, इन सभी मीनारों के नाम इस्लाम के महत्वपूर्ण सिद्धांतों पर रखे जाएंगे जिसमें मुख्य तौर पर कलीमा, नमाज़, रोज़ा, ज़कात और हज पर टिके होंगे. न्यूज पेपर आगे कहता है कि भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक जामा मस्जिद में 25 हजार लोगों के नमाज पढ़ने की जगह है. लेकिन इस नव निर्मित मस्जिद में संख्या से हिसाब 9 हजार लोग एक साथ नमाज अदा कर सकते हैं. अगर प्रार्थना की जगह के हिसाब से देखा जाए तो यह भारत की दूसरी सबसे बड़ी मस्जिद होगी. अरफात शेख कहते हैं कि मस्जिद के लिए की जानी वाली फंडिंग ऑनलाइन होगी. वह मानकर चल रहे हैं कि देश की अब तक की सबसे बड़ी क्राउडफंडिंग कोशिश होगी.
मस्जिद के लिए होगी ऑनलाइन क्राउडफंडिंग
उन्होंने यह साफ कर दिया है कि हम नहीं चाहते कि मस्जिद के लिए लोग सड़कों पर खड़े होकर लोगों से चंदा मांगे, क्योंकि हम मस्जिद निर्माण कार्यों को मजाक नहीं बनाना चाहते हैं. यह खुदा का घर है और लोग अपनी श्रद्धा के अनुरूप मस्जिद निर्माण के लिए दान करेंगे. अरफात शेख ने कहा कि मस्जिद इतनी बड़ी होगी की जो ताजमहल से भी बेहतर होगी.