लगता है उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर मुसीबतों का पहाड़ टूट पड़ा है. इसी के चलते उत्तर प्रदेश में माफियाओं पर कानून का शिकंजा लगातार कस रहा है. 5 जून को एमपी एमएलए कोर्ट के विशेष न्यायाधीश अवनीश गौतम की अदालत ने मुख्तार को उम्र कैद और एक लाख रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. 

वो तारीख थी 3 अगस्त 1991.. जब कांग्रेस नेता अवधेश राय अपने भाई अजय राय के साथ घर के बाहर खड़े थे तभी वैन सवार बदमाशों ने मौका देकर उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग शुरू कर दी. इस घटना में अवधेश राय की मौत हो गई तो वहीं उनके भाई अजय राय बाल-बाल बच गए. इसके बाद अजय राय ने इस मामले में चेतगंज थाने में मुख्तार अंसारी भीम सिंह कमलेश सिंह राकेश नाइ और पूर्व एमएलए अब्दुल कलाम के खिलाफ केस दर्ज करवाया था. अजय राय ने अपने भाई की हत्या का आरोप मुख्तार अंसारी पर लगाया था.

32 साल पहले अवधेश राय की हत्या के पीछे मुख्य वजह चंदासी कोयला मंडी की वसूली और अवधेश राय की दबंगई थी. चंदासी कोयला मंडी में मुख्तार अंसारी का एकछत्र राज चलता था लेकिन बृजेश सिंह के करीबी अवधेश राय अपनी दबंग छवि के चलते कोयला मंडी से लेकर वाराणसी के तमाम व्यापारियों और बाजार से मुख्तार अंसारी की वसूली में अड़ंगा बन गए थे. यहीं से दोनों के बीच दुश्मनी शुरू हुई और उसके बाद 3 अगस्त 1991 को दिनदहाड़े मुख्तार अंसारी ने अपने चार साथियों के साथ मिलकर अवधेश राय की उनके घर के सामने ही हत्या कर दी.

मुख्तार अंसारी के ऊपर बीते 1 साल में 4 मामलों में सजा सुनाई जा चुके हैं लेकिन पहली बार उससे अवधेश राय हत्याकांड मामले में उम्र कैद की सजा सुनाई गई है.