CM Yogi meeting with OP Rajbhar: यूपी की सियासत में इन दिनों मेल मुलाकात का दौर जारी है। 2024 आम चुनाव के मद्देनजर सभी सियासी पार्टियां अभी से चुनावी रणनीतियों को अंजाम देने में लगी हुई हैं। इसी सिलसिले में सीएम योगी और सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर की मुलाकात सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बनी हुई है। भरोसेमंद सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक कल देर रात सीएम योगी और ओपी राजभर के बीच करीब आधे घंटे की मुलाकात हुई. उसके बाद सुबह की चाय पर दोनों नेताओं के बीच आगे की चुनावी संभावनाओं पर विस्तार से चर्चा हुई।
दरअसल सीएम योगी आदित्यनाथ दो दिवसीय दौरे पर वाराणसी आए हुए हैं। जहां वो इस दौरान पूर्व मंत्री और वाराणसी दक्षिणी से विधायक नीलकंठ तिवारी के भाई की रिसेप्शन पार्टी में शामिल हुए। इस मांगलिक कार्यक्रम में शामिल होने से पहले सीएम योगी और ओपी राजभर की मुलाकात की खबरें सामने आयी हैं। दोनों दिग्गज नेताओं की मुलाकात की वजहों का खुलासा तो नहीं हो पाया है, लेकिन ओपी राजभर की बीजेपी से बढ़ती सियासी नजदीकियां आगामी 2024 लोकसभा चुनाव में चुनावी गठबंधन की तरफ साफ तौर पर संकेत कर रहा है।
2024 लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन की अटकलें तेज
इन दोनों नेताओं के बीच शुरूआती बातचीत से बाद आने वाले दिनों में सियासी तस्वीर और साफ होने की उम्मीद जताई जा रही है। सियासी हलकों में तैर रही चर्चाओं की मानें तो सीएम योगी और ओपी राजभर की अगली मुलाकात लखनऊ में प्रादेशिक और दिल्ली में राष्ट्रीय नेतृत्व से हो सकती है। जहां सीट शेयरिंग फॉर्मूला पर चर्चा और चुनावी गठबंधन को मुकम्मल शक्ल दिया जा सकता है।
सीएम योगी से मुलाकात को लेकर मीडिया कर्मियों ने जब ओपी राजभर से सवाल पूछा तो वो गोलमोल जवाब देते नजर आए। सुभासपा प्रमुख ओपी राजभर भले ही इस सियासी मुलाकात से साफ तौर पर इनकार कर रहे हों लेकिन दोनों दलों के बीच कम हो रही दूरियां यूपी की सियासत में नई सियासी पटकथा लिख रही है।
बीते दिनों ओम प्रकाश राजभर के बेटे अरुण राजभर की शादी में बीजेपी के कई दिग्गज नेता और राज्य सरकार के मंत्री पहुंचे थे। रिसेप्शन पार्टी में सीएम योगी के सलाहकार अवनीश अवस्थी मुख्यमंत्री का बधाई सन्देश लेकर ओपी राजभर के घर पहुंचे जहां उन्होंने वर-वधू को आशीर्वाद भी दिया था। उसके पहले भी गाहे बगाहे कई मौकों पर बीजेपी नेताओं से ओपी राजभर की मुलाकात लोकसभा चुनाव से पहले गठबंधन की अटकलें को जन्म देती रही हैं।
पूर्वांचल के जरिए चुनावी रण फतह करने की तैयारी:
लोकसभा चुनाव को देखते हुए BJP का फोकस सबसे ज्यादा पूर्वांचल पर है। क्योंकि पूर्वांचल की कई सीटें ऐसी हैं, जहां 2019 में पीएम मोदी के चेहरे के बावजूद BJP के लिए सीटें जीतना मुश्किल भरा रहा। पूर्वांचल में 2014 में जीती हुई गाजीपुर, घोसी समेत कई लोकसभा सीटें BJP ने 2019 में गवां दी थीं। बीजेपी के प्राथमिक सर्वे की मानें तो सुभासपा से गठबंधन करने पर बीजेपी को जौनपुर, घोसी, आजमगढ़, लालगंज, श्रावस्ती और गाजीपुर में फायदा हो सकता है। इन सीटों पर राजभर समाज के मतदाता बड़ी संख्या में है। ऐसे में ओपी राजभर की मदद से बीजेपी दोबारा इन सीटों पर कब्जा करने की जुगत में लगी हुई है। First Updated : Friday, 16 June 2023