Pilibhit: भाजपा ने इस बार क्यों नहीं जताया वरुण गांधी पर भरोसा, 6 Points में समझिए

PM Modi Pilibhit Visit: प्रधानमंत्री मोदी आज उत्तर प्रदेश के पीलीभीत में रैली करने वाले हैं. इस बार बीजेपी ने पीलीभीत लोकसभा सीट से वरुण गांधी का टिकट काटकर जितिन प्रसाद को मैदान में उतारा है.

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PM Modi Pilibhit Visit: मतदान की तारीख जैसे-जैसे नजदीक आ रही है चुनावी प्रचार तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव की चर्चित सीटों में से एक पीलीभीत में आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करेंगे. इस सीट से भारतीय जनता पार्टी ने वरुण गांधी का टिकट काट दिया और उनकी जगह यूपी सरकार के मंत्री जितिन प्रसाद को चुनावी मैदान में उतारा है.

पीएम मोदी आज मध्य प्रदेश के माओवाद प्रभावित बालाघाट में भारतीय जनता पार्टी के लिए प्रचार करेंगे और बाद में मंगलवार, 9 अप्रैल को तमिलनाडु के दक्षिण चेन्नई और मध्य चेन्नई में एक रोड शो करेंगे.

इस मौके पर आज हम आपको वरुण गांधी की वो 6 गलतियां बताने जा रहे हैं जिसकी वजह से भाजपा ने इस बार उनपर भरोसा नहीं किया है. आखिर ऐसी क्या वजह रही की इस बार भाजपा ने वरुण गांधी पर विश्वास नहीं किया और उन्हें पीलीभीत सीट से  टिकट नहीं दिया 6 पॉइंट में समझते हैं.

भाजपा ने इस बार क्यों नहीं जताया वरुण गांधी पर भरोसा

1. वरुण गांधी पर भाजपा ने इस बार भरोसा इसलिए नहीं किया क्योंकि पिछले काफी समय से भाजपा की केंद्र और राज्य की उत्तर प्रदेश सरकार की नीतियों पर वह सवाल खड़े करते आ रहे हैं. जब भी उन्हें मौका मिला तो वह सरकार के खिलाफ बोलने में संकोच नहीं करते हैं.

2. इतना ही नहीं उत्तर प्रदेश के लखीमपुर होने वाली चर्चित घटना पर भी वरुण गांधी ने तीखे शब्दों का इस्तेमाल करके सरकार की खामियां गिनाई थी और सरकार के मुजरिमों को सजा देने की मांग थी. उनके इसी तीखे बयानबाजी की वजह से भाजपा ने उन्हें राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया.

3. भाजपा का वरुण गांधी पर भरोसा न करने का सबसे बड़ा कारण यह है कि वह इसी साल अपने चचेरे भाई राहुल गांधी से मुलाकात की थी. दोनों की मुलाकात उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर में हुई थी. इस मुलाकात के बाद राजनीतिक गलियारों में चर्चा हो रही थी कि वरुण गांधी जल्द ही भाजपा से दामन छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.

4. इतना ही नहीं वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री पर भी बड़ा कटाक्ष किया था. उन्होंने आम जनता को सलाह देते हुए कहा था,"किसी नजदीकी साधु को परेशान न करें" क्योंकि कोई नहीं जानता कि महाराज जी कब मुख्यमंत्री बनेंगे". वरुण गांधी के इसी तरह के बयानबाजी के चलते शायद  इस बार भाजपा ने उन्हें चुनावी मैदान से दूर कर दिया है.

5. भाजपा का वरुण गांधी पर भरोसा न करने का एक और कारण ये भी है कि मेनका गांधी भी पार्टी से नाराज है. कयास लगाए जा रहे हैं कि मेनका गांधी इस संबंध में भाजपा आलाकमान से बातचीत कर सकती हैं. हालांकि इस संबंध में कोई पुख्ता जानकारी नहीं है.

6. इसके अलावा इस बार लोकसभा चुनाव में वरुण गांधी को समाजवादी पार्टी ने भी खुला ऑफर दिया है. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा था कि उनकी पार्टी वरुण गांधी को पीलीभीत से अपना उम्मीदवार बना सकती है लेकिन सपा ने ऐसा नहीं किया. सपा ने पीलीभीत पर अपने उम्मीदवार का ऐलान कर दिया है.

7. कहा जा रहा है कि वरुण गांधी कांग्रेस की तरफ से चुनाव लड़ सकते हैं. क्योंकि कांग्रेस की पारंपरिक सीट रायबरेली से अभी उम्मीदवार का ऐलान नहीं हुआ है और सोनिया गांधी ने भी लोकसभा चुनाव लड़ने से इनकार कर दिया है. ऐसे में कहा जा रहा है कि वरुण गांधी को इस सीट से उम्मीदवार बनाकर कांग्रेस एक तीर से दो निशाने चल सकती है. First Updated : Wednesday, 10 April 2024