Ram Mandir: कई सालों तक टेंट में सर्दी, गर्मी व बरसात झेलने के बाद महल में पहुंचे प्रभु राम, CM योगी हुए भावुक
Ram Mandir: तुलसीदास जी लिखते हैं, सुर समूह बिनती करि पहुंचे निज धाम, जगनिवास प्रभु प्रगटे अखिल लोक विश्राम... अर्थात रामजन्म के वक्त सारे देवी-देवता अयोध्या में उपस्थित थे.
हाइलाइट
- भव्य राम मंदिर में बीते दिन यानी रविवार को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दरमियान चारों वेदों का मंगल उच्चारण किया गया.
- वैदिक मंत्रों के उच्चारण से समस्त ब्रह्मांड के सभी देवी-देवताओं को प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया है.
Ram Mandir: अयोध्या के रामलला (राजकुमार) सालों तक रामनगरी में टेंट में पड़े रहे. इस दौरान उन्होंने सर्दी, गर्मी व बरसात को झेला. जो प्रभु राम सारे जगत के खेवैया हैं, उनको ही टेंट में सालों तक रहना पड़ा. मगर अब वह शुभ अवसर आ गया है, जब प्रभु अपने भव्य महल में विराजमान हो चुके हैं. बीते दिन यानी रविवार को यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भगवान राम को टेंट से उठाकर सीने से लगाया और पुजारियों के हाथों सौंपा दिया.
रामलला को कराया गया स्नान
नए भव्य राम मंदिर में बीते दिन यानी रविवार को प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान के दरमियान रामलला को 114 कलशों में 108 तरह की औषधियों से बना देश ही नहीं बल्कि विदेश की पवित्र नदियों के जल से प्रभु राम को स्नान कराया गया. इस प्रकार से प्रभु के मध्वाधिवास की प्रक्रिया पूरी हो गई है. इसके साथ ही वैदिक मंत्रों के उच्चारण से समस्त ब्रह्मांड के सभी देवी-देवताओं को प्राण प्रतिष्ठा के लिए आमंत्रित किया गया है.
भगवान गणेश की आराधना
शास्त्रों में भगवान गणेश को प्रथम पूज्य बताया गया है. रामलला के अनुष्ठान की शुरुआत करने से पहले सर्वप्रथम प्रभु गणेश की आराधना की गई. इसके बाद चारों वेदों का मंगल उच्चारण किया गया. भगवान राम के रजत विग्रह को सोते हुए नींद से उठाकर जगतपति श्रीराम की पूजा-अर्चना की गई. साथ ही उनकी पालकी यात्रा नगर में घुमाया गया. जिसमें लोगों की भारी भीड़ देखी गई.
आचार्य अरुण दीक्षित का बयान
राम मंदिर के पुजारी आचार्य अरुण दीक्षित का कहना है कि, तुलसीदास जी लिखते हैं, सुर समूह बिनती करि पहुंचे निज धाम, जगनिवास प्रभु प्रगटे अखिल लोक विश्राम... अर्थात रामजन्म के वक्त सारे देवी-देवता अयोध्या में उपस्थित थे. वहीं आज रामजन्म जैसे शुभ मुहूर्त में ही प्राण प्रतिष्ठा का आयोजन होने जा रहा है. उन्होंने आगे कहा कि, मध्वाधिवास के क्रम में काजू, बादाम, पिस्ता, केसर के साथ कई प्रकार के मेवे व मिठाइयों से प्रभु राम का अधिवास कराया गया है. उनका कहना है कि, वाल्मीकि रामायण, कागभुसुंडि रामायण, अध्यात्म रामायण, रामचरित मानस और प्रमुख ग्रंथों का पाठ राम मंदिर परिसर में लगातार जारी है.