Ram Mandir News: सामने आया राम मंदिर का नक्शा, चंपत राय बताया अयोध्या परिसर में क्या- क्या होगा, पढ़े पूरी जानकारी
Ram Mandir News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. उससे पहले मंदिर में तैयारियां जोरों पर है. 27 दिसंबर यानी बुधवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने भी श्री राम जन्मभूमि मंदिर का नक्शा यानी मानचित्र का वर्णन किया है.
Ram Mandir News: उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होना है. उससे पहले मंदिर में तैयारियां जोरों पर है. 27 दिसंबर यानी बुधवार को श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने भी श्री राम जन्मभूमि मंदिर का नक्शा यानी मानचित्र का वर्णन किया है.
पहले तो हम आपको बता दें कि राम मंदिर कितने एकड़ मे फैला हुआ है. मंदिर की वेबसाइट के मुताबिक, ये पूरा मंदिर 156 एकड़ तक फैला हुआ है. यानी करीब चार किलोमीटर तक मंदिर का परिसर है. इसकी ऊंचाई 236 फीट तक है. वहीं राम मंदिर की बात करें तो इसकी ऊंचाई 161 फीट होगी और ये करीब 108 एकड़ में फैला होगा.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने भी श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र का वर्णन किया है. उन्होंने वीडियो के माध्यम से पूरे मंदिर का नक्शा पेश किया है. चंपत राय ने बताय मंदिर का निर्माण 70 एकड़ भूमि के उत्तरी भाग पर किया जा रहा है. यहां तीन मंजिला मंदिर बनाया जा रहा है. मंदिर के भूतल का काम पूरा हो चुका है. पहली मंजिल निर्माणाधीन है.
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने श्री राम जन्मभूमि मंदिर के मानचित्र का वर्णन किया. आगे उन्होंने कहा कि, "अगर जरूरत पड़ी तो हम सरयू नदी से या जमीन से पानी लेंगे. लेकिन भूजल जमीन में ही जाएगा. यहां 20 एकड़ से ज्यादा जमीन पर निर्माण कार्य चल रहा है और 50 एकड़ में हरियाली है. ये पेड़ हैं." सौ साल पुराने हैं. ऐसे घने जंगल हैं जहां सूरज की किरणें जमीन तक नहीं पहुंचतीं. इसलिए जमीन का जलस्तर कभी नीचे नहीं जाएगा. सरयू में पानी नहीं जाएगा, हम जीरो डिस्चार्ज पॉलिसी पर काम कर रहे हैं.
उन्होंने बताया कि, "तीर्थयात्रा सुविधा केंद्र (पीएफसी) में 25,000 तीर्थयात्रियों के लिए लॉकर सुविधाएं बनाई गई हैं. पीएफसी के पास एक छोटा अस्पताल भी बनाया जाएगा. तीर्थयात्रियों के लिए शौचालय और अन्य सुविधाओं के लिए एक विशाल परिसर, दो सीवर ट्रीटमेंट प्लांट भी बनाए गए हैं." यहां ऐसे भी बनाए जा रहे हैं जहां इस परिसर से अपशिष्ट पदार्थ जमा किए जाएंगे."