Ram Mandir : रामलला के खास मेहमान होंगे पहली शिला तराशने वाले कारीगर, जानिए क्या है तैयारी
Ram Mandir News : राम मंदिर की पहली शिला तराशने वाले मुख्य कारीगर अन्नूभाई सोमपुरा खास मेहमान होंगे. कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं.
Ayodhya Ram Mandir : उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर का उद्घाटन अगले साल होने वाला है. मंदिर के लिए जोर-शोर से तैयारी चल रही है. 22 जनवरी, 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंदिर का उद्घाटन करेंगे. प्राण प्रतिष्ठा में लगभग 7,000 लोग शामिल होंगे. कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं. राम मंदिर की पहली शिला तराशने वाले मुख्य कारीगर अन्नू भाई सोमपुरा खास मेहमान होंगे. राम मंदिर ट्रस्ट ने उनके विशिष्ट योगदान को देखते हुए उन्हें आमंत्रित किया है और वह प्राण प्रतिष्ठा समारोह के साक्षी बनेंगे.
अयोध्या के होकर रह गए अन्नू भाई
राम मंदिर के मुख्य वास्तुकार अन्नू भाई सोमपुरा अहमदाबाद के रहने वाले हैं. वह चंद्रकांत सोमपुरा के कहने पर वर्ष 1990 में जब 45 साल के थे अयोध्या आए. उनके साथ पुत्र प्रकाश सोमपुरा और भाई प्रदीप सोमपुरा यहां पर आए. तभी से अन्नू भाई अयोध्या में ही बस गए. यहां पर आने के बाद उन्होंने अपने भाई और बेटे के साथ प्रस्तावित राम मंदिर के लिए शिलाओं को तराशने का काम शुरू कर दिया. अन्नू भाई ने ही राम मंदिर की पहली शिला तराशी.
रहने के लिए मिला कमरा
आज के समय में अन्नू भाई सोमपुरा को राम मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत नृत्यगोपाल दास ने मणिराम दास छावनी आश्रम में रहने के लिए एक कमरा दिया. आज जहां पर रामजन्मभूमि न्यास मंदिर निर्माण कार्यशाला है, तब वहां पर चारों ओर जंगल हुआ करता था. जानकारी के अनुसार अन्नू भाई ने सिर्फ दो शिलाओं से मंदिर निर्माण के लिए पत्थरों की तराशी का काम बिना किसी मशीन की मदद से शुरू किया.
कारीगरों की बढ़ी संख्या
राम मंदिर निर्माण के लिए धीरे-धीरे कार्यशाला में कारीगरों की संख्या में बढ़ोतरी हुई. आज यहां पर गुजरात, राजस्थान, मिर्जापुर और अयोध्या के लगभग 150 कारीगर काम कर रहे हैं. बता दें वर्ष 1996 में पहली बार शिलाओं को काटने के लिए मशीन आई और पत्थरों को तराशने का काम आगे बढ़ता गया. 9 नवंबर, 2019 को मंदिर के भूतल की तराशी का काम पूरा हो गया था.
क्या बोले अन्नू भाई
अन्नू भाई अब 78वें वर्ष में प्रवेश कर चुके हैं. राम मंदिर निर्माण में योगदान के लिए उनकी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है. अन्नू भाई ने कहा कि यह पल उनके जीवन का सबसे बड़ा उत्सव, सबसे बड़ा पर्व है. जीवन भर की तपस्या अब जाकर सफल हुई. उन्होंने कहा अपनी आंखों से रामलला को उनके महल में विराजते हुए देखेंगे तब पता नहीं कैसी अनुभूति होगी, इसका अनुमान लगाते ही उनकी आंखें नम हो जाती हैं.