Rajya Sabha Chunav: यूपी में दिलचस्प हुई राज्यसभा की जंग, BJP के संजय सेठ के मैदान में आने से सपा का सियासी गणित उलझा!
Rajya Sabha Election: राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने आठवें प्रत्याशी के रूप में संजय सेठ का नामांकन दाखिल कराकर सपा के प्रमुख अखिलेश यादव की मुश्किलें बढ़ा दी है.
Rajya Sabha Election: लोकसभा चुनाव से पहले राज्यसभा का चुनाव होने वाला जिसको देखते हुए सभी पार्टियों ने अपने- अपने उम्मीदवार को मैदान में उतार दिया है. इस बीच उत्तर प्रदेश में राज्यसभा का चुनाव काफी अहम माना जा रहा है. राज्यसभा चुनाव में भाजपा ने आठवें प्रत्याशी के रूप में संजय सेठ का नामाकंन दाखिल कराकर समाजवादी पार्टी के अखिलेश यादव की टेंशन बढ़ा दी है.
प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव होना है जिसमें भाजपा ने 8 सीटों पर उम्मीदवारों को मैदान में उतार दिया है. वहीं समाजवादी पार्टी ने अब तक तीन ही उम्मीदवारों को उतारे हैं. नामांकन के आखिरी दिन यानी 15 फरवरी को BJP ने संजय सेठ के रूप में अपना आठवां उम्मीदवार उतार कर पेंच फंसा दिया. वहीं अब 10 सीटों के लिए 11 उम्मीदवार मैदान में हैं.
राज्यसभा की एक सीट की जीत के लिए 37 विधायकों का साथ
यूपी में विधानसभा की 403 सीट हैं. अभी 399 विधायक हैं. विधानसभा की 4 सीटें खाली है. वहीं राज्यसभा की एक सीट को जीतने के लिए प्रथम वरीयता के लिए 37 विधायकों का वोट चाहिए होता है. विधानसभा में समाजवादी के पास फिलहाल 108 सीट हैं तो वहीं भाजपा के पास 252 सीट हैं.
सपा में थे संजय सेठ
राज्यसभा चुनाव में भाजपा मान रही है कि वोटिंग में वह संजय सेठ को भी जीता लेगी. संजय सेठ पहले समाजवादी पार्टी में थे और सपा ने उन्हें राज्यसभा में भेजा था लेकिन फिर भी वह भाजपा में शामिल हो गए. उन्होंने राज्यसभा से इस्तीफा दे दिया. उस सीट पर जब उपचुनाव हुए थे.
सपा का इस प्रकार बिगड़ा खेल!
समाजवादी पार्टी के पास फिलहाल 108 विधायक हैं वही सपा MLA इरफान सोलंकी जेल में तो एक वोट नहीं दे पाएंगे. इस प्रकार को सपा विधायकों की संख्या 107 हो गई तो वहीं दूसरी ओर पल्लवी पटेल के भी तेवर देखते हुए ऐसा माना जा रहा है कि वो भी वोट नहीं देंगे. अब ऐसे में विधायकों की संख्या 106 हो गई लेकिन राज्यसभा सीटें जीतने के लिए 111 विधायकों के वोट की जरूरत होगी.