Ram Mandir Ayodhya: समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य एक बार फिर विवादों में आ गए हैं, उन्होंने राम मंदिर के लिए आंदोलन करने वाले कारसेवकों पर गोली चलवाने वाले फैसले को सपा सरकार का कर्तव्य बताया है और राम भक्तों को अराजक तत्व करार दिया है. बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने पिछले हफ्ते ही धर्म संबंधी टिप्पणियों पर लगाम लगाने का आश्वासन दिया था. 

सपा सरकार ने संविधान की रक्षा की: मौर्य 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने अखिलेश यादव के उस वादे को तोड़ते हुए बयानबाजी कर दी है, कासगंज में उन्होंने कहा कि अयोध्या में जिस दौरान राम मंदिर पर यह घटना घटी थी, उस समय बिना किसी न्यायपालिका के निर्देश पर एक भीड़ जो अराजक हो गई थी, तोड़फोड़ करना शुरू कर दी थी. उस दौरान तत्कालीन सरकार ने संविधान और कानून की रक्षा करने के लिए गोलियां चलवाईं और वहां पर सरकार ने अपना कर्तव्य निभाया. 

राम मंदिरा का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया: सपा नेता 

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हमारे एक बहुत अच्छी साथी रहे हैं एसपी सिंह, जिन्हें आज के समय में अपनी बात रखनी चाहिए. वह उस दौरान सपा सरकार में ही थे. मौर्य ने केंद्र की मोदी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राम मंदिर का निर्माण सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद हो रहा है, न की मोदी सरकार के आदेश के बाद हो रहा है. इसलिए इसका श्रेय एक पार्टी को नहीं देना चाहिए है. लेकिन भाजपा देश में राम मंदिर को मुद्दा बनाकर इसका लाभ उठाना चाहती है. 

मोदी सरकार ने किया शिक्षा निजीकरण 

उन्होंने आगे कहा कि केंद्र की मोदी सरकार पर शिक्षा का निजीकरण करने का आरोप लगाया है, साथ कहा कि देश में बेरोजगारी बढ़ रही है. महंगाई चरम पर है. लेकिन सरकार इन सब मुद्दों से भटकाकर धर्मों को बांटने की कोशिश कर रही है. मंदिर के मुद्दे पर अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने का काम कर रही है.