यूपी में डिजिटल हाजिरी का मुद्दा पहुंचा हाईकोर्ट, सभी जिलों में शिक्षकों का जोरदार प्रदर्शन जारी
UP Digital Attendance: उत्तर प्रदेश में शिक्षकों का डिजिटल हाजिरी का मुद्दा हाईकोर्ट पहुंच गया है. परिषदीय शिक्षकों के ऑनलाइन हाजिरी के विरोध के बीच शिक्षक अनुराग सिंह ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. यूपी के आगरा में इसका विरोध किया लेकिन जब उनकी बात नहीं मानी गई तो सोमवार को तीन ब्लॉक के 109 शिक्षकों ने अपना सामूहिक इस्तीफा खंड शिक्षा अधिकारी को सौंप दिया.
UP Digital Attendance: उतर प्रदेश के बेसिक, कंपोजिट व कस्तूरबा स्कूलों में सोमवार से डिजिटल हाजिरी लागू हुई. जिसको लेकर यूपी के शिक्षकों ने 8 जुलाई से लागू डिजिटल अटेंडेंस के खिलाफ लगातार विरोध किया. शिक्षकों ने इसे काला कानून बताकर वापस लेने की मांग की है. लेकिन अब बात न मानने पर ये मामला हाईकोर्ट पहुंच गया है. सोमवार को आगरा के तीन ब्लॉक के 109 संकुल शिक्षकों ने सामूहिक तौर पर खंड शिक्षा अधिकारी को इस्तीफा सौंप दिया. इसके साथ ही सभी विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप से भी लेफ्ट हो गए.
109 शिक्षकों ने दिया इस्तीफा
डिजिटल अटेंडेंस के विरोध को लेकर यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन के जिलाध्यक्ष केशव प्रसाद ने जानकारी देते हुए बताया कि सोमवार को 109 शिक्षकों ने अपना सामूहिक इस्तीफा खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा है, ब्लॉक एत्मादपुर के 40, फतेहाबाद के 44 व बाह के 25 सानुकूल शिक्षक शामिल हैं. साथ ही अब तक 2000 से ज्यादा शिक्षकों ने विभागीय व्हाट्सएप ग्रुप से खुद को अलग कर लिया है.
हाई कोर्ट में पहुंचा मामला
उत्तर प्रदेश में परिषदीय शिक्षकों के ऑनलाइन हाजिरी के विरोध के बीच हाईकोर्ट के पूर्व अधिवक्ता और 72825 भर्ती में चयनित शिक्षक अनुराग सिंह ने इस मुद्दे पर हाईकोर्ट में याचिका की है. उनका तर्क है कि शिक्षकों की नियुक्ति जिला या ब्लॉक मुख्यालय के साथ ही सुदूर और दुर्गम क्षेत्रों में होती है जहां शिक्षक 40 से 100 किमी दूर से नौकरी करने आते हैं. ऐसी परिस्थिति में बिना उनकी समस्याओं का समाधान किए वेतन काटने की धमकी देकर काम नहीं कराया जा सकता है.
शिक्षकों ने निकाला मार्च
सोमवार को परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने ऑनलाइन उपस्थिति के विरोध में सभी जिलों में प्रदर्शन किया. विद्यालय बंद होने के बाद दोपहर तीन बजे शिक्षक जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) कार्यालयों में इकट्ठा हुए और वहां से कलेक्ट्रेट तक मार्च निकाला. अपने-अपने संबंधित जिलों में डीएम को मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा.