स्वामी प्रसाद मौर्या को 1 महीने के अंदर जान से मारने की धमकी
आए दिन अपने बयानों के कारण विवाद में बने रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को 1 महीने के अंदर जान से मारने की धमकी मिली है।
हाइलाइट
- सपा नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को मिली जान से मारने की धमकी
Swami Prasad Maurya: आए दिन अपने बयानों के कारण विवाद में बने रहने वाले समाजवादी पार्टी के नेता स्वामी प्रसाद मौर्या को 1 महीने के अंदर जान से मारने की धमकी मिली है। मौर्या ने ट्वीट करते हुए जानकारी दी की ‘इंटरनेशनल भगवा रक्षक फोर्स जय श्री राम’ नामक टि्वटर अकाउंट से 29 मई को शाम 7:12 पर उन्हें जान से मारने की धमकी मिली। इस अकाउंट के ट्विटर वॉल पर लिखा गया कि ‘1 महीने के अंदर तुझे निपटा देंगे’। इस टैग के साथ केशव प्रसाद मौर्या की तस्वीर भी लगाई गई जिसके गले के पास तलवार लटक रही है।
कानूनी कार्यवाही की मांग
जान से मारने की धमकी मिलने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने ट्विटर पर इसकी जानकारी देते हुए अपने सुरक्षा और कानूनी कार्यवाही सुनिश्चित कराने की मांग की है।
ट्विटर पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
स्वामी प्रसाद मौर्या के इस ट्वाट के बाद एक ओर तो कुछ लोगों ने उनके सुरक्षा की मांग करते हुए उनका समर्थन किया है लेकिन दूसरी ओर तमाम यूजर्स अजीब प्रतिक्रिया दे रहे हैं। कुछ लोगों ने कहा की ऐसी छोटी-छोटी धमकियों से डरने वाले स्वामी प्रसाद मौर्या कैसे नेता हैं तो वही किसी ने मीडिया में बने रहने के कारण इसे मौर्या की चाल बताया। कुछ यूजर्स सनातन धर्म के खिलाफ बोलने के कारण मौर्या की शीघ्र गिरफ्तारी करने की मांग भी करते दिखे।
पहले भी मिल चुकी है धमकी
स्वामी प्रसाद मौर्या को जान से मारने की धमकी मिलना कोई नई बात नहीं है। अपने बयानों के कारण विवाद में बने रहने वाले मौर्या को कई बार जान से मारने की धमकी मिल चुकी है। कुछ दिन पहले ही अयोध्या के संत जगत गुरु परमहंस आचार्य ने स्वामी प्रसाद मौर्या का खुद गला काटने की धमकी दी थी। महंत राजू दास ने भी 31 जनवरी को स्वामी प्रसाद मौर्य के विवादित बयान के कारण उनका गला काट कर लाने वाले को 21 करोड़ का इनाम देने की बात कही थी।
क्यों हैं विवादों में?
स्वामी प्रसाद मौर्या के लगातार विवादों में बने रहने का कारण है उनकी सनातन धर्म के खिलाफ बयानबाजी। लोगों की नाराजगी है कि वह निरंतर अपने बयान से सनातन, उसकी संस्कृति, सभ्यता और परंपराओं पर आघात करते रहते हैं। रामचरितमानस को दलित और नारी विरोधी बताकर स्वामी प्रसाद ने नया विवाद शुरू कर दिया था। हिंदू धर्म की आस्था की प्रतीक रामचरितमानस का बहिष्कार करते हुए उन्होंने उसे आग लगा दी थी जिसके बाद देश में माहौल गर्म हो गया था।