यूपी में अपराधियों के हौसले बुलंद होते हुए दिख रहे है। पुलिस अभिरक्षा हो या जेल या अदालत, ये अपराधी कहीं भी किसी का भी कत्ल दिनदहाड़े कर रहे हैं। इस तरह का मामला पहले भी देखा जा चुका है। जहां पर माफिया डॉन अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ को प्रयागराज में पुलिस अभिरक्षा के बीच बड़े आराम से मार दिया गया था। वहीं दूसरी ओर लखनऊ के कोर्ट में संजीव जीवा को भी दिनदहाड़े गोलियों से भून दिया गया।
आपको बता दें कि संजीव जीवा कोई मामूली अपराधी नहीं था बल्कि यूपी के दो हाई प्रोफाइल मर्डर केस का आरोपी था। संजीव पढ़ने–लिखने में काफी तेज था, इसके साथ ही वह स्कूल में काफी होनहार छात्र माना जाता था।
उसका सपना था कि मैं एक डॉक्टर बनूँ इसके लिए वह काफी मेहनत भी करता था स्कूल में सभी टीचरे उसकी तरीफ करती थीं। किस्मत से हारकर वह एक झोलाछाप डॉक्टर के दवाखाने में कंपाउंडर का काम करने लगा। एक बार जब एक व्यक्ति डॉक्टर से दवा लेकर गया तो उसने पैसे नहीं दिए जिसके चलते डॉक्टर ने संजीव जीवा को उसके घर पैसे लेने के लिए भेज दिया।
पैसे वसूलने के लिए धमकी का इस्तेमाल किया गया। बस तभी से संजीव जीवा ने लोगों को डराना धमकाना सिख लिया। अब वो जुर्म की दुनिया में अपना नाम बनाना चाहता था।
संजीव जीवा ने सबसे पहले उसी डॉक्टर का अपहरण किया जिसके यहां से उसने काम सीखा था, और उसे अगवा कर पैसे वसूल कर लिए। उसके बाद संजीव जीवा ने जुर्म की दुनिया में कदम रख लिया और पीछे पलटकर कभी नहीं देखा।
इसी तरह वह लोगों की जानें भी लेने लगा। जिससे उसका नाम दुनिया में चमकने लगा। उसके बाद संजीव जीवा ने गैंगस्टर मुन्ना बजरंगी का दामन थाम लिया और वह उसके गैंग में शामिल हो गया।
आपको बता दें कि मुन्ना बजरंगी बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी का खास गुर्गा था। ऐसे में संजीव जीवा की पहुंच मुख्तार अंसारी तक बन गई। संजीव जीवा का संपर्क एक बड़े नेटवर्क के साथ था, जो कि अंसारी को यह बात उसकी काफी पसंद आई तभी मुन्ना बजरंगी ने उसके सिर पर हाथ रख दिया और दोनों ने साथ मिलकर कई वारदातों को अंजाम दिया था। First Updated : Friday, 09 June 2023