UP Politics: इंडिया गठबंधन का प्रयास, थामने चले अखिलेश यादव बसपा पार्टी का हाथ
UP Politics: "इंडिया गठबंधन" को लेकर अनेक चर्चाएं चल रही हैं, वहीं अब उत्तर प्रदेश की राजनीति पर भी इसका बड़ा प्रभाव देखने को मिल रहा है.
हाइलाइट
- मायावती की पार्टी वोट बैंक के मामले में बड़ी पार्टी मानी जाती है.
- प्रत्येक पार्टी की ये सोच है कि, "बसपा" इंडिया गठबंधन का हिस्सा बने.
UP Politics: साल 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए राजनीति में उथल-पुथल मचने लगी है. इस बीच "इंडिया गठबंधन" को लेकर अनेक अनुमान लगाए जा रहे हैं, जबकि पार्टी ने सीट का बंटवारा तक नहीं किया है. मगर अब सवाल ये पैदा हो रहा है कि, क्या "बसपा" सुप्रीमो मायावती इंडिया गठबंधन में शामिल होंगी या नहीं. मिली सूचना के मुताबिक सपा (समाजवादी पार्टी) के प्रमुख अखिलेश यादव ने "बसपा" को गठबंधन का हिस्सा बनने के लिए ऐड़ी- चोटी का जोर लगा दिया है. इतना ही नहीं सीट के बंटवारे की बात भी चल रही है.
बसपा है मजबूत पार्टी
दरअसल "बसपा पार्टी" की बात करें, तो यह यूपी की मजबूत पार्टी है. मायावती की पार्टी वोट बैंक के मामले में बड़ी पार्टी मानी जाती है. हालांकि इस पार्टी का प्रदर्शन भले ही विधानसभा चुनाव में खराब रहा हो, मगर "बसपा सुप्रीमो" मायावती एक बड़ी नेता हैं. इसलिए प्रत्येक पार्टी की ये सोच है कि, "बसपा" इंडिया गठबंधन का हिस्सा बने. जबकि दीदी ने इस बारे में अभी कुछ भी नहीं बताया है, इतना ही नहीं अनुमान है कि, जल्द ही पार्टी कुछ बड़ा ऐलान कर सकती है.
सपा की बपसा पर रणनीति
सपा (समाजवादी पार्टी) के अध्यक्ष अखिलेश यादव भी "बसपा" को इंडिया गठबंधन में लाने के लिए एड़ी- चोटी का जोर लगा रहे हैं. दरअसल सपा चुनाव में "बसपा पार्टी" को 25-30 सीटें देने को तैयार है. अखिलेश लगातार अपनी कोशिश करने में लगे हैं कि, दीदी इंडिया गठबंधन को लेकर कुछ दलील दें. जबिक देखने वाली बात ये होगी कि, क्या सच में मायावती इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखती हैं.
सीट का फार्मूला हो गया तैयार
मिली जानकारी के मुताबिक सपा (समाजवादी पार्टी) 35 सीटों पर चुनाव लड़ सकती हैं, साथ ही "बसपा पार्टी" को 25-30 सीटें देने की बात बताई जा रही है. इसके अलावा कांग्रेस को दस सीट एवं रालोद को 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की खबर मिल रही है. जबकि सपा ने ये निर्णय विधानसभा चुनाव के नतीजों को ध्यान में रखकर लिया है. आपको बता दें कि, मायावती साल 2019 के चुनाव के आधार पर सीटों की मांग कर सकती हैं. क्योंकि "बसपा" ने "सपा" से दोगुनी सीटें पाई थीं.