साहब मैं मरा नहीं हूं...अपने जीवित होने का सबूत लेकर DM ऑफिस के चक्कर लगा रहा बुजुर्ग, जानिए क्या है मामला
उत्तर प्रदेश से एक अजीबो गरीबों घटना सामने आए हैं. यहां एक 65 साल के बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया गया है, जिसके बाद वह अपने जिंदा होने के सबूत लेकर दर-दर भटक रहा है. बुजुर्ग महीनों से डीएम ऑफिस के चक्कर लगा रहा है. घटना के संज्ञान में आने के बाद डीएम ने जांच के आदेश दिए हैं और सख्त से सख्त कार्रवाई करने की बात भी कही है.
उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिला से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है यहां एक 65 साल के बुजुर्ग अपने जीवित होने का सबूत लेकर महीनों से डीएम ऑफिस के चक्कर लगा रहा है. बुजुर्ग अपने हाथ में एक पर्ची भी लिए घूम रहा है जिस पर लिखा है मैं जिंदा हूं. जानकारी के मुताबिक 65 साल के इस बुजुर्ग का नाम चंद्रपाल है जो सिराथू तहसील के सौराई गांव के रहने वाले हैं. गांव से एक किलोमीटर दूर बुजुर्ग पान की एक छोटी सी दुकान चलाता है.
यह पूरा मामला पेंशन से जुड़ा हुआ है. दरअसल, 65 साल के चंद्रपाल को सरकार की तरफ से वृद्धा पेंशन मिलता था जिससे उसका जीवन यापन हो रहा था लेकिन ग्राम विकास अधिकारी विकास शर्मा ने चंद्रपाल का मृतक प्रमाणपत्र दिखाकर उसका पेंशन रोक दिया. इस घटना के सामने आने के बाद डीएम ने जांच का आदेश दिया है और कार्रवाई की बात भी कही है.
संज्ञान में आने के बाद एक्शन में डीएम
इस मामले को सख्ती से लेते हुए जिला अधिकारी मधुसूदन हुलगी ने बताया कि कड़ा ब्लाक के एक बुजुर्ग को पेंशन मिल रहा था लेकिन कागजों में मृत दिखाया गया. इस मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसको ऊपर सख्त कार्रवाई की जाएगी. डीएम ने कहा कि, सरकारी योजनाओं को गलत लोगों तक पहुंचाना बिल्कुल गलत है और इसमें कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
वृद्धावस्था पेंशन लेने वाले लाभार्थी के लिए जरूरी बातें
आपको बता दें कि, वृद्धावस्था पेंशन लेने वालेबुजुर्ग को साल में एक बार खुद का जीवित प्रमाण पत्र देना होता है. इसके लिए ई-मित्रपर बायोमेट्रिक अंगूठा और फोटो खिंचवा कर सत्यापित करवाना होता है. अगर पेंशन लेनेवाला शख्स इन नियमों का पालन नहीं करता है तो उनका पेंशन आना बंद होता जाता है.इसके बाद लाभार्थी जीवित है या नहीं इसकी भी जांच की जाती है और रिपोर्ट एसडीएमकार्यालय भेजी जाती है.