ज्ञानवापी परिसर में मौजूद तहखानों का क्या है सच जानिए सबकुछ

Varanasi Gyanvapi Complex: हिंदू पक्ष वजूखाना का एएसआई सर्वे चाहता है, क्योंकि यहां जो शिवलिंग जैसी आकृति मिलती है, हिंदू पक्ष उसे आदि विशेश्वर का शिवलिंग बताता है.

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Varanasi Gyanvapi Complex: ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद के ढांचे के नीचे मौजूद व्यास जी के तहखाने में हिंदू पक्ष पूजा की प्रक्रिया जारी रख सकेगा. इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तहखाने में पूजा की इजाजत के खिलाफ मुस्लिम पक्ष की ओर से दायर दो अपीलों को खारिज करते हुए यह फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने यह भी माना कि ज्ञानवापी परिसर में मस्जिद की संरचना के नीचे बने तहखाने पर 1993 तक हिंदू पक्ष का कब्जा था और वहां पूजा समेत धार्मिक आयोजन होते थे.

कोर्ट से मुस्लिम पक्ष को झटका

बीते दिन पूजा पाठ जारी रखने को लेकर कोर्ट का बड़ा फैसला आया, जिसको हिंदू पक्ष बड़ी जीत के तौर पर देख रहा है. दूसरी तरह मुस्लिम पक्ष को इस फैसले से झटका लगा है. आज आपको बताएंगे कि ज्ञानवापी परिसर में कितने तहखाने हैं और उनसे जुड़े राज क्या हैं? जब तक एएसआई सर्वे नहीं हुआ था तब तक से ज्ञानवापी परिसर में कितने तहखानें हैं इस बात का पता नहीं था. कुछ लोगों का मानना था कि मस्जिद के ढांचे के नीचे चार-पांच तहखाने हैं, वहीं कुछ का मानना था कि इनकी संख्या 3-4 है.

सर्वे में हुआ खुलासा

एएसआई ने नई तकनीक, विशेष रूप से जीपीआर ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग करके मस्जिद के नीचे मौजूद तहखानों की जो असल संख्या है उसका पता लगाया. एएसआई की रिपोर्ट के मुताबिक, ज्ञानवापी में मस्जिद के नीचे टोटल 10 तहखाने बने हैं. एएसआई ने इन तहखानों की मैपिंग की है और अपनी रिपोर्ट में इनके बारे में विस्तार से बताया है. दो तहखानों में से एक को हिंदू पक्ष यानी व्यास जी का तहखाना कहा जाता था और दूसरे को मुस्लिम पक्ष का तहखाना कहा जाता था. इसको लेकर कहा गया कि इसपर मुस्लिम पक्ष ने कब्जा कर लिया था. लेकिन एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि ज्ञानवापी के उत्तरी भाग में पांच कमरे और दक्षिणी भाग में पांच कमरे हैं. इन 10 कमरों को 10 तहखाने माना जाता है. आपको बता दें कि फिलहाल दो तहखाने ही खुले हैं. इन्ही दो तहखानों के अंदर इंसान जा सकते हैं और वहां धार्मिक गतिविधियां होती रही हैं. 

तहखाने में बना है कुआँ  

ASI ने भी अपनी रिपोर्ट में एक कुएं का जिक्र किया है. यह कुआँ व्यास जी के तहखाने से सटा हुआ तीसरे तहखाने में मौजूद है. एएसआई को भी इसकी जानकारी ग्राउंड पेनिट्रेटिंग रडार से हुई. दरअसल, बाकी आठ तहखानों को पूरी तरह से बंद कर दिया गया है. इन तहखानों में अंदर नहीं जाया जा सकता है क्योंकि इनको मिट्टी भर के बंद किया गया है. क्योंकि दरवाजों को मिट्टी से भर दिया गया है. 

छिपे हैं ज्ञानवापी मंदिर के रहस्य

हिंदू पक्ष का दावा है कि इन तहखानों में पुराने ज्ञानवापी मंदिर के रहस्य छिपे हैं. इनमें हिंदू देवी-देवताओं की कई मूर्तियां, शिवलिंग और कई मूर्तियां हो सकती हैं. लेकिन भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने अपनी रिपोर्ट में ऐसी कोई जानकारी नहीं दी है. एएसआई ने अपनी रिपोर्ट में साफ लिखा है कि 'ज्ञानवापी परिसर में स्थित मस्जिद एक हिंदू मंदिर के ऊपर बनाई गई थी. इसके नीचे पूरी नींव एक हिंदू मंदिर की है.' इससे कहा जा सकता है कि जो बंद तहखाने हैं उनमें मंदिर होने से जुड़े कुछ पुरानी चीजे हों. 

मुस्लिम पक्ष की बात करें तो उनको तहखानों की खुदाई करने से आपत्ति है. मुस्लिम पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने परिसर में किसी पुरातात्विक उत्खनन या छेड़छाड़ की इजाजत नहीं दी है. मुस्लिम पक्ष ने अपनी याचिका में कहा था कि अगर इससे छेड़छाड़ की गई तो ढांचा ढह सकता है. 

वजू खाने का ASI सर्वे 

कुछ दिन पहले मस्जिद में शिवलिंग जैसी आकृति मिली थी, जिसको लेकर मुस्लिम पक्ष का दावा है कि वो वजू करने की जगह यानी फव्वारा है. संबंधित हिंदू पक्ष की दोनों याचिकाएं फिलहाल कोर्ट में लंबित हैं. एक में वजूखाना के एएसआई सर्वेक्षण की मांग की गई है और दूसरे में ज्ञानवापी परिसर में स्थित मस्जिद के नीचे पुरातात्विक सर्वेक्षण की मांग की गई है. First Updated : Tuesday, 27 February 2024

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