नामांकन के आखिरी दौर के बीच क्या कैसरंगज से करण भूषण को मिला, जानें क्यों कटा बृजभूषण का पत्ता
कैसरगंज लोकसभा सीट पर पांचवें चरण में मतदान होना है. 20 मई को वोटिंग होगी. यहां नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 3 मई है. इस बीच कैसरगंज लोकसभा सीट पर बृजभूषण सिंह की उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी आलाकमान से फोन पर बातचीत हुई है.
Brij Bhushan Sharan Singh: लोकसभा चुनाव के दो चरण हो गए है. अभी पांच चरणों में चुनाव बाकी है. वहीं, उत्तर प्रदेश की कैसरगंज लोकसभा सीट से कौन उम्मीदवार होगा, भारतीय जनता पार्टी ने कैसरगंज और रायबरेली से उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. भाजपा ने कैसरगंज से करण भूषण को और रायबरेली से दिनेश प्रताश सिंह को मौका दिया है.
वहीं अगर समाजवादी पार्टी की बात करें तो अभी तक पार्टी ने अपने उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है. भारतीय कुश्ती महासंघ के पूर्व अध्यक्ष और पार्टी के मौजूदा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का टिकट बीजेपी लिया है. इस बीच सूत्रों के हवाले से खबर सामने आई है कि कैसरगंज लोकसभा सीट से बृजभूषण सिंह की उम्मीदवारी को लेकर बीजेपी आलाकमान से फोन पर बातचीत हुई है.
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी कैसरगंज सीट से बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करण भूषण सिंह को टिकट दे सकती है. लोकसभा कैसरगंज से करन भूषण सिंह ने चार सेट फार्म लिए. यह जानकारी बीजेपी की ओर से दी गई है. इतना ही नहीं पार्टी उनकी पत्नी के नाम पर भी विचार कर सकती है. करण भूषण सिंह बीजेपी सांसद बृजभूषण सिंह के छोटे बेटे हैं. बड़े बेटे प्रतीक बीजेपी से विधायक हैं. बृजभूषण सिंह पर महिला पहलवानों से यौन उत्पीड़न का आरोप लगा है, जिसके चलते बीजेपी उनका टिकट काट सकती है.
बृजभूषण सिंह ने इशारों में दी चेतावनी
हाल ही में बृजभूषण सिंह ने बीजेपी को इशारों में कहा था कि अगर पार्टी उन्हें टिकट नहीं देती है तो वह दूसरे विकल्प तलाश सकते हैं. बृजभूषण सिंह गोंडा में पत्रकारों से बात करते हुए कैसरगंज सीट से दोबारा चुनाव लड़ने के फैसले में देरी के लिए मीडिया को जिम्मेदार ठहराया. टिकट में देरी पर उन्होंने कहा था, 'यह मेरी चिंता है, आपकी नहीं... आपकी वजह से मेरे टिकट में देरी हो रही है. उन्होंने ईद के मौके पर मुस्लिम समुदाय के नेताओं से मुलाकात की थी और उन्हें बधाई दी थी.
मुस्लिम नेताओं से मुलाकात को लेकर उन्होंने कहा था कि मैं धर्म की राजनीति में विश्वास नहीं रखता. मुसलमानों के घर जाकर उनके त्योहारों पर बधाई देना कोई गुनाह नहीं है. उन्होंने कहा था कि उनके हर पार्टी के नेताओं से अच्छे संबंध हैं. मुलायम सिंह यादव के साथ हमेशा मधुर संबंध रहे हैं, भले ही वह अयोध्या में बाबरी मस्जिद के विध्वंस के बाद गिरफ्तार होने वाले पहले लोगों में से एक थे. बृजभूषण सिंह के इस बयान को बीजेपी के लिए चेतावनी के तौर पर देखा जा रहा है. सिंह लगातार अपने क्षेत्र में प्रचार कर रहे हैं और मतदाताओं से वोट करने की अपील कर रहे हैं.