Uttarakhand News: दीपावली के अवसर पर आतिशबाजी को लेकर गढ़वाल मंडल के आयुक्त विनय शंकर पांडे ने एक महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है. उन्होंने बताया कि आतिशबाजी के दौरान होने वाली तीव्र ध्वनि से गली-मोहल्लों में रहने वाले पशुओं और जानवरों में भय उत्पन्न हो जाता है. यह स्थिति केवल डर पैदा करने तक सीमित नहीं है, बल्कि इससे पर्यावरण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.

प्रदूषण और जानवरों की सुरक्षा: आयुक्त ने यह भी उल्लेख किया कि अक्सर आतिशबाजी पालतू और आवारा पशुओं के निकट की जाती है, जो कि संवेदनहीनता का परिचय देती है. इस कारण न केवल जानवरों को चोट पहुंचती है, बल्कि उनकी जान को भी खतरा हो जाता है. यह स्थिति अत्यंत निंदनीय है और इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता.

अतः इस संदर्भ में आयुक्त ने सभी संबंधित व्यक्तियों को निर्देश दिया है कि दीपावली के दौरान गली-मोहल्लों में किसी भी प्रकार की आतिशबाजी के समय पशुओं को कोई नुकसान न पहुंचने दिया जाए. यदि किसी व्यक्ति द्वारा आतिशबाजी से किसी पशु को नुकसान पहुंचाया जाता है, तो उसके खिलाफ पशु क्रूरता निवारण अधिनियम 1960 के अंतर्गत सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी.