Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के उत्तरकाशी का सिल्क्यारा टनल में फंसे 41 मजदूर 17 दिनों बाद 27 नवंबर को बाहर आ गए. सभी मजदूरों के सुरक्षित बाहर आने पर सभी देशवासी काफी खुश हैं. 12 नवंबर को जब पूरा देश दिवाली मना रहा था तब ये मजदूर अंधेरे में थे तो ऐसा कह सकते हैं कि इनके परिवारों के लिए तो यह दिवाली जैसा है.17 दिनों से चल रहे रेस्क्यू ऑपरेशन में देशभर की अलग-अलग टीमें लगी थीं, यहां तक कि विदेशों से एक्सपर्ट भी बुलाए गए थे, बड़ी-बड़ी मशीनें रेस्क्यू ऑपरेशन में उतारी गईं. ताकी जल्द से जल्द फंसे 41 मजदूरों को बाहर निकाला जा सके. मंगलवार 28 नवंबर को इंतजार खत्म हुआ और इतने दिनों की मेहनत रंग लाई सभी मजदूरों को सुरक्षित बाहर निकाला गया.
17 दिन मजदूरों के लिए बेहद मुश्किल भरा
सुरंग में फंसे मजदूरों के लिए 17 दिनों का यह समय बेहद मुश्किल भरा रहा. ऐसे में उन सभी को Positive रहना था क्योंकि अगर एक भी नेगेटिविटी उनके मन में घर कर जाती तो उनके लिए वहां एक मिनट भी गुजारना और भी मुश्किल हो जाता. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान मजदूरों से लगातार बात की जा रही थी और उन्हें भरोसा दिलाया जा रहा था कि जल्द ही उन सभी को सुरक्षित बाहर निकाल लिया जाएगा.
वहीं सीएम पुष्कर सिंह धामी भी ऑपरेशन के दौरान लगातार मजदूरों से संर्पक में थे. धामी ने कहा कि वह तीन लोगों के संपर्क में थे. सबाह अहमद, गब्बर सिंह नेगी और अखिलेश कुमार, ये वो तीन लोग हैं जिनसे सीएम बात कर रहे थे. और वहां की स्थिति का जायजा ले रहे थे.
पीएम मोदी ने सबसे पहले सबा अहमद से बात की
बचाव अभियान के दौरान यह निर्णय लिया गया कि श्रमिकों को बाहर निकालने का क्रम इस प्रकार होगा कि जो सबसे कम उम्र के होंगे उन्हें पहले बाहर भेजा जाएगा और टीम लीडरों को सबसे बाद में सुरंग से बाहर निकाला जाएगा. बिहार के भोजपुर जिले के रहने वाले हैंसबाह अहमद, रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद पीएम ने सबसे पहले उनसे ही बात की थी.
पत्नी थी गर्भवती, 17वें दिन मिली पति के सुरंग में फंसे होने की खबर
उत्तर प्रदेश के मिर्ज़ापुर निवासी अखिलेश कुमार के सुरंग से सुरक्षित बाहर आने पर उनका परिवार बेहद खुश है. अखिलेश के परिवार ने उनकी पत्नी से यह बात छिपाई कि अखिलेश 17 दिनों तक सुरंग में फंसे रहे. अखिलेश की पत्नी गर्भवती है, इसी वजह से परिवार ने यह बात नहीं बताई. परिवार को डर था कि कहीं उन्हें सदमा न लग जाए. 17वें दिन जब मजदूरों के सुरंग से बाहर आने का रास्ता साफ हुआ तो पत्नी को जानकारी दी गई और उन्होंने भी अखिलेश के सुरक्षित सुरंग से बाहर आने के लिए प्रार्थना की.
कौन हैं गब्बर सिंह, जिनकी हो रही है सबसे ज्यादा चर्चा?
रेस्क्यू किए गए 41 मजदूरों से जब पीएम मोदी ने मंगलवार को बात की तो गब्बर सिंह नेगी की खूब तारीफ की. मजदूरों ने बताया कि गब्बर सिंह नेगी उन्हें टनल के अंदर योग और ध्यान कराते थे ताकि उनका मानसिक स्वास्थ्य अच्छा रहे और सभी Positive रहें.
बता दें कि गब्बर सिंह नेगी उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले के कोटद्वार के रहने वाले हैं. गब्बर सिंह नेगी की तारीफ करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि उन्होंने सीएम धामी से काफी सुना है कि कैसे गब्बर सिंह योग और मेडिटेशन के जरिए मजदूरों को पॉजिटिव रखते थे. जब गब्बर सिंह टनल के अंदर थे तो उनके भाई महाराज सिंह नेगी और उनके बेटे आकाश ने सोमवार को उनसे बात की थी. वॉकी-टॉकी के जरिए बेटे आकाश से बात करते हुए गब्बर सिंह ने बताया कि वह बिल्कुल ठीक हैं और जल्द ही बाहर आ जाएंगे. First Updated : Wednesday, 29 November 2023