kedarnath yatra: इस वर्ष 2.40 लाख से अधिक तीर्थ यात्रियों ने इस स्वास्थ्य सेवा का लाभ उठाया. वहीं 10,627 तीर्थ यात्रियों की जान बचाई गई. जटिल भौगोलिक परिस्थिति और पल पल बदलते मौसम के कारण इस यात्रा के दौरान लोगों को स्वास्थ्य से संबंधित चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए इस बार अन्य धामों की तरह यहां भी पैदल मार्ग से लेकर धाम तक जगह-जगह स्वास्थ्य विभाग की टीमें तैनात की गई हैं.
बता दें कि गौरीकुंड से केदारनाथ धाम तक 16 किलोमीटर लंबे पैदल मार्ग के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 13 अस्थायी स्वास्थ्य केंद्र स्थापित किए हैं. इसके आलवा धाम परिसर में स्थित चिकित्सालय में भी यात्रियों का उपचार किया जा रहा है.
अप्रैल में खुले धाम के कपाट
इस साल केदारनाथ धाम के कपाट द्वार को तीर्थ यात्रियों के लिए 25 अप्रैल को खोला गया था. वहीं अब तक 17 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा केदारनाथ के दर्शन कर लिए हैं. गुरुवार को 798 तीर्थ यात्रियों का स्वास्थ्य परीक्षण व उपचार किया गया. साथ ही 55 यात्रियों को आक्सीजन उपलब्ध कराई गई. वहीं इस साल धाम में 100 तीर्थ यात्रियों की ह्दयगति रुकने से मौत भी हुई है.
ऊंचाई पर के दौरान होती है दिक्कतें
बता दें, कि रुद्रप्रयाग के मुख्य चिकित्साधिकारी डा. एचसीएस मार्तोलिया के अनुसार 11 हजार फीट से अधिक ऊंचाई पर स्थित होने के कारण केदारनाथ धाम में आक्सीजन की कमी है. इस कारण धाम में यात्रियों को सांस लेने में परेशानी, हाइपोथर्मिया और ह्दयाघात जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है. First Updated : Friday, 20 October 2023