Rahul Gandhi: आज केदारनाथ जाएंगे राहुल गांधी, धार्मिक स्थल की तीन दिवसीय यात्रा का यह दूसरा कार्यक्रम
Rahul Gandhi: कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को तीन दिवसीय दौरे पर केदारनाथ पहुंच रहे हैं. पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की व्यस्तता के बीच राहुल गांधी के इस दौरे को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं होने लगी हैं.
Rahul Gandhi: पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की व्यस्तता के बीच कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी रविवार को बाबा केदार की शरण में पहुंच रहे हैं. ऐसे समय में जब चुनाव प्रचार चरम पर है, राहुल की केदारनाथ धाम की तीन दिवसीय निजी आध्यात्मिक यात्रा के राजनीतिक मायने भी हैं.
राहुल गांधी के इस दौरे को कांग्रेस की सॉफ्ट हिंदुत्व की रणनीति से जोड़कर देखा जा रहा है. चुनावी राज्यों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के तेज़ प्रचार पर राहुल की जवाबी राजनीति के तौर पर भी देखा जा रहा है.
राहुल गांधी का कार्यक्रम
राहुल गांधी केदारनाथ धाम की अपनी तीन दिवसीय यात्रा के तहत रविवार सुबह करीब 11.45 बजे दिल्ली से हवाई सेवा द्वारा जौलीग्रांट एयरपोर्ट पहुंचेंगे..वहां से वह हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम जाएंगे. रविवार और सोमवार की रात केदारनाथ में ही रुकेंगे. राहुल के लिए रविवार को केदारनाथ में गढ़वाल मंडल विकास निगम का गेस्ट हाउस बुक किया गया है. 7 नवंबर को दोपहर करीब 2 बजे केदारनाथ धाम से लौटने की योजना है.
राजनीतिक गलियारों में चर्चा का बाज़ार गर्म
राहुल गांधी का ये दौरा कोई राजनीतिक दौरा नहीं, बल्कि निजी दौरा है. मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम में विधानसभा चुनावों के बीच राहुल गांधी के अचानक बाबा केदारनाथ के दर्शन करने और वहां तीन दिनों तक रुकने को लेकर राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं तेज हो गई हैं. चुनाव प्रचार चरम पर पहुंचने के साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तेज़ चुनाव प्रचार और हिंदुत्व पर बीजेपी के तीखे रुख ने कांग्रेस नेतृत्व को रणनीति पर नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है.
इसके पहले स्वर्ण मंदिर में रुके थे राहुल
यह पहली बार होगा जब वह तीन दिन तक केदारनाथ में रहेंगे. इससे पहले राहुल तीन दिन तक अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में भी रुके थे. इस दौरान उन्होंने बर्तन और जूते साफ किए. मंदिर परिसर में साफ-सफाई भी की गई. स्वर्ण मंदिर के बाद राहुल का किसी अन्य धार्मिक स्थल की तीन दिवसीय यात्रा का यह दूसरा कार्यक्रम है.