जंगल में लगी आग पर SC की फटकार, कहा 'बारिश के देवता' निर्भर रहना समाधान नहीं
Uttarakhand Forest Fire: सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को टिप्पणी की कि क्लाउड सीडिंग या बारिश के देवता पर निर्भर रहना उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग का समाधान नहीं है.
Uttarakhand Forest Fire: पिछले कई दिनों से उत्तराखंड के जंगलों में आग धधक रही है, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई, इस दौरान राज्य सरकार ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग सहित कई निवारक उपाय किए जा रहे हैं. जिसमें कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि क्लाउड सीडिंग या बारिश के देवता (इंद्र देव) पर निर्भर रहना उत्तराखंड के जंगलों में लगी आग का समाधान नहीं है.
इंद्र देव के भरोसे ना रहें- SC
अदालत वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें निवारक कदमों के लिए तत्काल निर्देश देने की मांग की गई थी. इसमें दावा किया गया था कि हाल ही में लगी जंगल की आग ने हिमालयी राज्य में 40% जंगलों को खा लिया है. इस दौरान कोर्ट ने जंगल की आर पर काबू करने को लेकर वाल पूछा तो राज्य सरकार ने कहा कि स्थिति से निपटने के लिए क्लाउड सीडिंग सहित कई निवारक उपाय किए जा रहे हैं.
इसको सुनकर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाते हुए कहा कि ''बादल बोना या बारिश के देवता पर निर्भर रहना इसका उत्तर नहीं है. आवेदक का ये सहना सही है कि आपको इसका समाधान निकाल ना होगा.''
5 लोगों की मौत
जैसा कि अदालत ने जानना चाहा कि इंसानों और जानवरों को कितना नुकसान हुआ है? राज्य के उप महाधिवक्ता जतिंदर कुमार सेठी ने कहा कि ''जंगल की आग के कारण पांच लोगों की मौत हो गई'' और उन्होंने कहा कि वह इन घटनाओं में मारे गए जानवरों की संख्या के बारे में जानकारी जुटाएंगे, और अदालत को अवगत कराएंगे. उन्होंने ये भी कहा कि "जंगल में आग लगने की घटनाएं उत्तराखंड के लिए नई नहीं हैं और हर गर्मियों में वन विभाग ऐसी आग से निपटता है."
अदालत ने इस मामले में एक विशेषज्ञ निकाय, केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) को शामिल करने का फैसला किया. साथ ही इस मामले में अब15 मई को सुनवाई की जाएगी.