New Delhi: लिव-इन रिलेशनशिप के लिए उत्तराखंड सरकार ने औपचारिक रूप से मान्यता देने और विनियमित करने के लिए एक कानून तैयार किया है. जिसमें लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों के लिए स्पष्ट कानूनी दिशानिर्देश और सुरक्षा स्थापित करना है. प्रस्तावित समान नागरिक संहिता (यूसीसी) विधेयक के तहत, उत्तराखंड में लिव-इन रिलेशनशिप में रहने वाले लोगों को निवास की परवाह किए बिना, अपने स्थानीय रजिस्ट्रार को संबंध विवरण प्रस्तुत करना अनिवार्य है.राज्य में UCC लागू होने के बाद लिव इन रिलेशशिप के नियमों को लागू किया जाएगा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के अनुसार, उत्तराखंड में UCC के विधानसभा से पास होने और इसे राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद अब इसको अंतिम रूप से लागू करने पर काम चल रहा है. इसके लिए राज्य के मुख्य सचिव की अध्यक्षता में एक पैनल काम कर रहा है.
उत्तराखंड मेंलिव इन रिलेशनशिप में रहने वाले जोड़ों को ऑनलाइन इसका रजिस्ट्रेशन करवाना होगा. इससे उन्हें बार-बार सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. राज्य में शादियों का भी ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो सकेगा लिव इन में रहने वाले जोड़े अगर 1 महीने के अदंर अपना रजिस्ट्रेशन नहीं करवाते हैं तो उन्हें ₹10,000 का जुर्माना या तीन महीने की जेल हो सकती है. इसके अलावा अगर वह तीन महीने तक ऐसा करने में विफल रहते हैं तो उन्हें ₹25,000 का जुर्माना या 6 महीने की जेल हो सकती है.
लिवइन रिलेशनशिप में रहने वाले जिन जोड़ो की उम्र 18 से 21 आयु है उनको लिव इन में रहने के लिए सबसे पहले माता-पिता को इस बात की जानकारी देनी होगी. सरकार का कहना है कि इससे उनके माता-पिता को इससे सही जानकारी मिल सकेगी.राज्य के मुख्य सचिव शत्रुघन सिंह ने बताया, “हम लोगों के लिए ऑनलाइन मोड के माध्यम से औपचारिकताओं को पूरा करना आसान बनाना चाहते हैं.
First Updated : Sunday, 26 May 2024