उत्तराखंड विधानसभा में पेश हुआ समान नागरिक संहिता बिल, कांग्रेस ने किया विरोध... असेंबली दो बजे तक स्थगित
Uniform Civil Code: उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी बिल पेश कर दिया गया है, विधेयक पेश करने के बाद इस पर राजनीति तेज हो गई है. विपक्ष ने इसका कड़ा विरोध किया है. जिसके कारण असंबेली को दो बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है.
Uniform Civil Code: उत्तराखंड एसेंबली में यूनिफॉर्म सिविल कोड विधेयक पेश कर दिया गया है, मंगलवार का दिन उत्तराखंडवासियों के लिए काफी अहम साबित हुआ. अगर विधानसभा में यह बिल पारित हो जाता है तो आजादी के बाद देश में उत्तराखंड एक मात्र ऐसा राज्य हो जाएगा जिसने यूसीसी पर कानून बनाया है. धामी सरकार की कैबिनेट में मंत्री धन सिंह रावत ने कहा कि लोगों की भावनाओं के अनुरूप यूसीसी बिल विधानसभा में पारित कर दिया गया है.
देश के संविधान की प्रति लेकर निकले सीएम धामी
विधानसभा में विधेयक पेश होने से पहले मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देश के संविधान की मूल प्रति को लेकर आधिकारिक एक्स पर लिखा, देश के संविधान निर्माताओं की अपेक्षाओं के अनुरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 को सार्थकता प्रदान करने की दिशा में आज का दिन देवभूमि उत्तराखण्ड के लिए विशेष है. देश का संविधान हमें समानता और समरसता के लिए प्रेरित करता है और समान नागरिक संहिता कानून लागू करने की प्रतिबद्धता इस प्रेरणा को साकार करने के लिए एक सेतु का कार्य करेगी.
#WATCH | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami leaves from his residence in Dehradun with a copy of the Indian Constitution
— ANI (@ANI) February 6, 2024
CM Dhami will present the Uniform Civil Code Uttarakhand 2024 Bill in the State Assembly today. pic.twitter.com/b7HEGGqG7g
सकारात्मक रूप से लें हिस्सेदारी: CM धामी
विधानसभा में बिल पेश करने से पहले सीएम धामी ने सभी दलों के विधायकों से चर्चा में भाग लेने के लिए कहा था. उन्होंने कहा कि इस बिल की चर्चा सकारात्मक तरीके से हिस्सेदारी लें और गंभीरता के साथ इस बहस होनी चाहिए. इसके साथ ही मातृशक्ति के उत्थान के लिए और राज्य के अंदर रहने वाले हर समुदाय, पंथ, धर्म के लोगों के लिए सभी दलों को इसमें भाग लेना चाहिए.
बिल पेश होने से पहले सदन के बाहर की गई कड़ी सुरक्षा
उत्तराखंड विधानसभा के बाहर यूसीसी बिल पेश करने के बीच कड़ी सुरक्षा तैनात कर दी गई है, समान नागरिक कानून आज सदन में पेश किया जाना है. जिसपर पक्ष-विपक्ष बहस करेंगे. बता दें कि जिस कमेटी को ड्राफ्ट जिम्मा सौंपा गया था. उसने इसे 20 महीने की कड़ी मेहनत के बाद तैयार किया है. इन 20 महीनों के समय में तमाम धर्मों, आमजन, समूहों, संगठन और राजनीतिक दलों से विचार-विमर्श के बाद ड्राफ्ट की संहिता तैयार की गई है. चार खंडों व 740 पेजों की इस रिपोर्ट को कमेटी ने दो फरवरी को मुख्यमंत्री को सौंप दिया था.