Uttarakhand: एनडीआरएफ और अधिकारियों ने नैनीताल के पास जंगल की आग बुझाने के लिए दिन रात काम कर रही है लेकिन आग की लपटे इतनी तेज है कि बुझने का नाम नहीं ले रही है. 8 घटनाओं में 11.75 हेक्टेयर को नुकसान पहुंचा है. भारतीय वायुसेना का MI-17 V5 हेलीकॉप्टर आग बुझाने के काम में जुटा हुआ है.
इस बीच खबर आई है कि, एक तरफ जहां नैनीताल का जंगल आग से धधक रहा है वहीं दूसरा तरफ सरोवर नगरी में पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है. बीते रविवार से शहर में सैलानियों का जमघट लगना शुरू हो गया है.
उत्तराखंड सरकार ने रविवार को नैनीताल शहर की ओर बढ़ रही जंगल की आग को बुझाने के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की मदद ली, जबकि राज्य में जंगल में आग लगने की आठ नई घटनाएं दर्ज की गईं, जिससे दोपहर तक लगभग 11.75 हेक्टेयर वन भूमि झुलस गई है. सबसे अधिक आग कुमाऊं क्षेत्र में लगी, जिससे 5.5 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ, इसके बाद गढ़वाल में 1.75 हेक्टेयर और संरक्षित वन क्षेत्र (पीएफए) में 4.5 हेक्टेयर क्षेत्र प्रभावित हुआ.
जबकि भारतीय वायु सेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने शनिवार को नैनीताल शहर से लगभग 6 किमी दूर लारियाक्टा में भारतीय वायुसेना बेस कैंप के पास आग पर काबू पाने में कामयाबी हासिल की थी, लेकिन रविवार को कई अन्य स्थानों पर आग भड़कती रही.
वन अधिकारियों ने पौड़ी गढ़वाल और बागेश्वर के खिर्सू के आरक्षित वन क्षेत्र में आग जलाने का प्रयास कर रहे आठ व्यक्तियों को पकड़ा है. जंगल की आग के लिए राज्य के नोडल अधिकारी निशांत वर्मा ने कहा कि, आरोपियों पर भारतीय वन अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं और उन्हें अदालत में पेश किया जा रहा है. नैनीताल वन विभाग के लिहाज से संवेदनशील बना हुआ है. मौसम विभाग के रिपोर्ट मुताबिक फिलहाल यहां बारिश की संभावना भी नहीं है जिसकी वजह से आग पर काबू पाने में मुश्किलों का सामना करना पड़ कर रहा है.
आपको बता दें कि एक तरह जहां नैनीताल की जंगल में आग धधक रही वहीं दूसरी तरफ शहर में पर्यटकों की भीड़ उमड़ रही है. दरअसल, यहां लोग गर्मियों से राहत पाने के लिए ठंडे इलाकों में जाने पर मजबूर हो रहे हैं. हर साल यहां गर्मी के मौसम में मैदानी क्षेत्रों की तपिश सैलानियों को पर्वतीय क्षेत्रों का रुख करने को मजबूर करती है. First Updated : Monday, 29 April 2024