Uttarakhand Tunnel Accident Rescue Operation On: उत्तरकाशी के सिलक्यारा गांव में निर्माणाधीय सुरंग में धंसने के बाद करीब 41 मजदूरों के फंसे होने की इस दिल - दहला देने वाली घटना को 8 दिन बीत चुके हैं. लेकिन अब तक एक भी मजदूर को बाहर नहीं निकाला जा सका है. मजदूरों के परिजनों के पास आस लगाने के अलावा कोई चारा नहीं बचा है. वहीं अंदर फंसे मजदूरों के हौसले जवाब दे रहे हैं. तो वहीं दूसरी तरफ सहकर्मियों और परिजनों का गुस्सा प्रशासन पर फूट रहा है.
बीबीसी की रिपोर्ट की मानें तो सुरंग में फंसे मजदूरों को निकालने के लिए दिल्ली से लाई गई ऑगर मशीन ने शुक्रवार 17 नवंबर 2023 को काम करना बंद कर दिया है. जिसके बाद इंदौर से नई मशीन लाई गई है जिसकी मदद से सुंरग के 200 मीटर अंदर तक ले जाया जा रहा है जिससे रूके हुए काम को आगे बढ़ाया जा सके. सामने से ड्रिलिंग के बजाय वर्टिकल यानी ऊपर से छेद किया जाएगा जिससे मलबे को आसानी से हटाया जा सके.
जानकारी के लिए बता दें कि अब तक टनल के भीतर से करीब 70 मीटर के फैले मलबे में 24 मीटर छेद किया जा चुका है. इसलिए यह दावा किया जा रहा है कि मजदूरों को बाहर निकालने में कम से कम 4 से 5 दिनों का समय लग सकता है.
हादसे के 7वें दिन शनिवार 18 नवंबर 2023 को प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के उप सचिव 'मंगेश घिल्डियाल' और प्रधानमंत्री के पूर्व सलाहकार और साथ ही उत्तराखंड सरकार के विशेष कार्याधिकारी 'भास्कर खुल्बे' ने घटनास्थल पर जाकर उसकी दौरा किया. First Updated : Sunday, 19 November 2023