Uttarkashi Tunnel Rescue: सुरंग हादसे के 14 दिन बीतने के बाद भी हाथ खाली, 41 जिंदगियों को बचाने की जद्दोजहद
Uttarkashi Tunnel Rescue: बचाव कार्य में लगी मशीनरी का परीक्षण शुरू हो गया है. हालांकि बचाव दल आखिरी पड़ाव तक पहुंचने के लिए पूरी ताकत से प्रयास कर रहे हैं.
Uttarkashi Tunnel Rescue: उत्तराखंड के सिल्कयारा में 13 दिन से फंसी 41 जिंदगियों को बचाने के ऑपरेशन की पल-पल परीक्षा हो रही है. पिछले तीन दिनों से धीमा पड़ा बचाव अभियान जैसे ही गति पकड़ता है, एक और चुनौती सामने आ जाती है. शुक्रवार को भी गंतव्य पर पहुंचने के बाद अभियान एक बार फिर रुक गया और बचाव अभियान में शामिल मशीनरी का परीक्षण फिर से शुरू हुआ. हालांकि बचाव दल आखिरी पड़ाव तक पहुंचने के लिए पूरी ताकत से प्रयास कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, शुक्रवार (24 नवंबर) की रात 47 मीटर पर ड्रिलिंग का काम रोकना पड़ा. सुरंग में नौवां पाइप ड्रिल किया जा रहा है. एनएचआईडीसीएल के महाप्रबंधक कर्नल दीपक पाटिल ने बताया कि मशीन के सामने बार-बार लोहे की वस्तुएं आने से काम प्रभावित हो रहा है. अब तक 47 मीटर तक ड्रिलिंग हो चुकी है. करीब दस मीटर और ड्रिलिंग बाकी है.
दोबारा शुरू होगी ड्रिलिंग
सूत्रों ने बताया है कि आज शनिवार को एक बार फिर पाइप के रास्ते में आ रही लोहे की जाली को काटकर हटाया जाएगा और फिर से ड्रिलिंग शुरू की जाएगी. जिस ऑगर मशीन से ड्रिलिंग की जा रही है वह एक घंटे में करीब 2 मीटर ड्रिल करती है। इसलिए रेस्क्यू ऑपरेशन कब खत्म होगा इसकी समय सीमा आज भी तय नहीं हो पा रही है.
सीएम पुष्कर सिंह धामी मौके पर मौजूद
सीएम पुष्कर सिंह धामी अभी भी मौके पर हैं. उन्होंने यहां अपना अस्थायी कैंप बनाया है, जहां से वह अन्य काम करने के साथ ही बचाव अभियान की निगरानी भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि यह बेहद चुनौतीपूर्ण और जोखिम भरा रेस्क्यू ऑपरेशन है. टीमें पूरी दक्षता और क्षमता से इस रेस्क्यू ऑपरेशन में जुटी हुई हैं.
पीएमओ की ओर से लगातार मॉनिटरिंग की जा रही
राहत और बचाव कार्यों की निगरानी सीधे प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) से की जा रही है. पीएम मोदी हर दिन मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को फोन कर रहे हैं और अभियान का अपडेट ले रहे हैं. उन्होंने श्रमिकों के जाने पर उनके लिए बेहतर चिकित्सा एवं घर जाने की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं.
आपको बता दें कि दिवाली की सुबह यानी 12 नवंबर को निर्माणाधीन सुरंग ढहने से 41 मजदूर उसमें फंस गए थे. उन्हें बचाने के लिए 80 सेंटीमीटर व्यास वाला पाइप लाया गया है, जिसमें एक रोलिंग स्ट्रेचर रखा जाएगा, उस पर मजदूरों को सुलाया जाएगा और बाहर निकाला जाएगा. इन्हें हटाने के ऑपरेशन में लगे एनडीआरएफ के जवान रिहर्सल कर चुके हैं, लेकिन आखिरी पाइप बिछाने की राह में बार-बार बाधा आने के कारण ड्रिलिंग रोकनी पड़ी है.