Uttarakhand Tunnel Collapse: युद्धस्तर पर किया जा रहा वर्टिकल ड्रिलिंग का काम, जल्द बाहर आएंगे मजदूर!
Uttarakhand Tunnel Collapse Updates: उत्तराखंड में हुए टनल हादसे में फंसे हुए मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं. वर्टिकल ड्रिलिंग का काम 40 फीसदी तक पूरा हो चुका है.
Uttarakhand Tunnel Collapse: टनल में 41 लोगों की हर एक्टिविटी पर नज़र रखी जा रही है. उन तक लगातार घर का बना खाना, पानी और दवाइयां पहुंचाई जा रही है. ये सारा सामान पहुंचाने के लिए 6 इंच के पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है. वर्टिकल ड्रिलिंग का अब तक 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है. जैसे ही ड्रिलिंग का काम पूरा हो जाएगा, फिर बारी बारी से सभी को बाहर निकाला जाएगा. इसके लिए पहले से ही सभी को एयरलिफ्ट करके नजदीकी के अस्पताल में पहुंचाया जाएगा.
पिछले 16 दिनों से टनल में जाने की लगातार कोशिश की जा रही है, पहले टनल के रास्तो को ही खाली करने की कोशिश की जा रही थी. लेकिन बार बार आई रुकावटों को देखते हुए अब रेस्क्यू के काम में कुछ बदलाव किए गए है. अब टनल में अंदर जाने का रास्ता टनल के ऊपर से बनाया जा रहा है. वर्टिकल ड्रिलिंग से टनल में रास्ता बनाया जा रहा है. जितनी खुदाई की जा रही है उसके साथ साथ एक पाइप भी इसमें डाला जा रहा है. इसी पाइप के ज़रिए सबी को बाहर लाने की योजना है.
#WATCH उत्तराखंड: उत्तरकाशी सुरंग हादसे में बचाव अभियान अभी भी जारी है जहां 41 श्रमिक फंसे हुए हैं।
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 28, 2023
सुरंग के अंदर मैनुअल ड्रिलिंग जारी है और पाइप को धकेलने के लिए ऑगर मशीन का उपयोग किया जा रहा है। अब तक करीब 2 मीटर मैनुअल ड्रिलिंग का काम पूरा हो चुका है। pic.twitter.com/vLzkifrCRf
सोमवार को एनएचआइडीसीएल के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने जानकारी दी थी कि वर्टिकल निकासी सुरंग मुख्य सुरंग के अंदर खाली हिस्से पर 300 से 305 मीटर की दूरी पर जाकर खुल जाएगी. अब देखना ये है कि कब तक ये काम पूरा होता है.
रैट हॉल माइनिंग' एक्सपर्ट्स हैं मौजूद
'रैट हॉल माइनिंग' विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जो सुरंग में मलबा मैन्युअल रूप से साफ कर रहे हैं. यदि कोई सरिया या गर्डर या किसी अन्य प्रकार की कठिनाई आती है तो उसे मशीन से काट दिया जाएगा और फिर पाइप मशीन के अंदर डाल दिए जाएंगे. सुरंग के आखिरी 10-12 मीटर के मलबे को मैन्युअल रूप से साफ किया जा रहा है.
इसके साथ ही नेताओं का भी घटनास्थल पर आना लगा है. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जाएज़ा लिया. इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने भी घटनास्थल का दौरा किया.