Uttarakhand Tunnel Collapse: टनल में 41 लोगों की हर एक्टिविटी पर नज़र रखी जा रही है. उन तक लगातार घर का बना खाना, पानी और दवाइयां पहुंचाई जा रही है. ये सारा सामान पहुंचाने के लिए 6 इंच के पाइप का इस्तेमाल किया जा रहा है. वर्टिकल ड्रिलिंग का अब तक 40 फीसदी काम पूरा हो चुका है. जैसे ही ड्रिलिंग का काम पूरा हो जाएगा, फिर बारी बारी से सभी को बाहर निकाला जाएगा. इसके लिए पहले से ही सभी को एयरलिफ्ट करके नजदीकी के अस्पताल में पहुंचाया जाएगा.
वर्टिकल ड्रिलिंग का काम जारी
पिछले 16 दिनों से टनल में जाने की लगातार कोशिश की जा रही है, पहले टनल के रास्तो को ही खाली करने की कोशिश की जा रही थी. लेकिन बार बार आई रुकावटों को देखते हुए अब रेस्क्यू के काम में कुछ बदलाव किए गए है. अब टनल में अंदर जाने का रास्ता टनल के ऊपर से बनाया जा रहा है. वर्टिकल ड्रिलिंग से टनल में रास्ता बनाया जा रहा है. जितनी खुदाई की जा रही है उसके साथ साथ एक पाइप भी इसमें डाला जा रहा है. इसी पाइप के ज़रिए सबी को बाहर लाने की योजना है.
सोमवार को एनएचआइडीसीएल के प्रबंध निदेशक महमूद अहमद ने जानकारी दी थी कि वर्टिकल निकासी सुरंग मुख्य सुरंग के अंदर खाली हिस्से पर 300 से 305 मीटर की दूरी पर जाकर खुल जाएगी. अब देखना ये है कि कब तक ये काम पूरा होता है.
रैट हॉल माइनिंग' एक्सपर्ट्स हैं मौजूद
'रैट हॉल माइनिंग' विशेषज्ञों को बुलाया गया है, जो सुरंग में मलबा मैन्युअल रूप से साफ कर रहे हैं. यदि कोई सरिया या गर्डर या किसी अन्य प्रकार की कठिनाई आती है तो उसे मशीन से काट दिया जाएगा और फिर पाइप मशीन के अंदर डाल दिए जाएंगे. सुरंग के आखिरी 10-12 मीटर के मलबे को मैन्युअल रूप से साफ किया जा रहा है.
इसके साथ ही नेताओं का भी घटनास्थल पर आना लगा है. प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव प्रमोद कुमार मिश्रा ने भी घटनास्थल पर पहुंचकर जाएज़ा लिया. इसके अलावा केंद्रीय गृह सचिव अजय कुमार भल्ला और उत्तराखंड के मुख्य सचिव एसएस संधू ने भी घटनास्थल का दौरा किया. First Updated : Tuesday, 28 November 2023